Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर औटा ने जताई नाराजगी, कुलपति ने दिया जवाब

Ambedkar University Agra परीक्षा केंद्र निर्धारण और सचल दलों में अनदेखी से आहत हैं औटा पदाधिकारी। कुलपति ने कहा- विश्वविद्यालय अपने अधिनियमों और परिनियमों से होता है संचालित। सचल दलों में भी महाविद्यालयों के शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया है जबकि परीक्षाएं महाविद्यालयों में ही हो रही हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:57 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:57 PM (IST)
Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर औटा ने जताई नाराजगी, कुलपति ने दिया जवाब
परीक्षा केंद्र निर्धारण और सचल दलों में अनदेखी से आहत हैं औटा पदाधिकारी।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाओं में अनियमितता तथा इसके आयोजन में अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों को सम्मानजनक दायित्व न दिए जाने पर औटा ने नाराजगी जाहिर की है। औटा ने इस संबंध में कुलपति को ज्ञापन सौंपा, जिस पर कुलपति ने अपना जवाब भी दे दिया है।

औटा अध्यक्ष डा. ओमवीर सिंह व महामंत्री डा. भूपेंद्र कुमार चिकारा ने ज्ञापन में लिखा है कि केंद्र निर्धारण से लेकर सचल दल तक में परीक्षा से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं एवं सुझावों का उल्लंघन किया जा रहा है। परीक्षा फार्म भरने से वंचित छात्रों को 14 अगस्त के बाद परीक्षा देने का फैसला भी बिना परीक्षा समिति में पारित कराए कर दिया गया है। सचल दलों में भी महाविद्यालयों के शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया है, जबकि परीक्षाएं महाविद्यालयों में ही हो रही हैं।

इस बारे में कुलपति प्रो. आलोक राय का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने अधिनियमों और परिनियमों से संचालित होता है। इन्हीं अधिनियमों और शासन के निर्देशों एवं मानदंडों के अनुरूप परीक्षाएं शुचितापूर्वक संचालित की जा रही हैं।विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई केंद्र निर्धारण समिति में परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव , तीन शिक्षक, तथा औटा के अध्यक्ष और महामंत्री सदस्य के रूप में थे। परीक्षा शुचिता पूर्ण हो इसके लिए विश्वविद्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया, साथ ही सेंट जोंस कालेज में भी एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

परीक्षा प्रभावी रूप से हो इसलिए विश्वविद्यालय के चीफ़ प्राक्टर के नेतृत्व में सचल दस्तों का गठन किया गया है , जिसमें आवासीय इकाई और महाविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक समान रूप से सहभागिता कर रहे हैं। 

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