आगरा के निर्यात को लगा इसलिए झटका, विदेश गए कंटेनर वापस नहीं लौट रहे समय पर
30 हजार कंटेनर देश से बाहर भेजने से हो रही निर्यातकों को परेशानी। अन्य देशों में कोरोना काल में 14 दिन तक कंटेनर रोके जा रहे हैं। फिओ ने निर्यातकों की समस्या से सरकार को कराया अवगत। आगरा से प्रतिवर्ष होता है छह हजार करोड़ रुपये का निर्यात।
आगरा, जागरण संवाददाता। कंटेनर की अनुपलब्धता ताजनगरी के निर्यातकों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। यहां से प्रतिवर्ष छह हजार करोड़ रुपये के जूते, हैंडीक्राफ्ट आदि का निर्यात होता है। कंटेनर नहीं मिलने से निर्यातक परेशान हैं। चैंबर द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फिओ) ने सरकार को समस्या से अवगत कराया है।
चैंबर ने 15 जुलाई को बैठक कर कंंटेनर की अनुपलब्धता से निर्यातकों को हो रही समस्या पर चिंता जताई थी। बैठक में कानकोर द्वारा कंटेनर उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जताई गई थी। समस्या के निदान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई व एक्सपोर्ट प्रमोशन और फिओ को पत्र भेजे गए थे। फिओ ने चैंबर को अवगत कराया है कि कंटेनरों की अनुपलब्धता की मुख्य वजह शिपिंग कंपनियों द्वारा खाली कंटेनर देश से बाहर भेजा जाना है। कोविड-19 के चलते 14 दिनों के लिए अन्य देशों में कंटेनर रोक लिया जाता है। करीब 30 हजार खाली कंटेनर देश से बाहर हैं। सरकार से शिपिंग कंपनियाें को खाली कंटेनर देश से बाहर नहीं भेजने का अनुरोध किया जा रहा है, जिससे कि कंटेनर की समस्या दूर हो सके। चैंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि उम्मीद है कि अब कंटेनर की अनुपलब्धता की समस्या दूर होगी। विदेशी व्यापार प्रकोष्ठ के सलाहकार राजेश अग्रवाल, अवनीश कौशल, अनूप गोयल ने फिओ का आभार जताया है।