हर बेटा भगत सिंह हो और हर बेटी लक्ष्मीबाई हो..

ईशान देव साहित्य क्लब संस्था ने कराया कवि सम्मेलनकवियों ने लगवाए ठहाके और बताई कविता की खासियत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:30 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 05:30 AM (IST)
हर बेटा भगत सिंह हो और हर बेटी लक्ष्मीबाई हो..
हर बेटा भगत सिंह हो और हर बेटी लक्ष्मीबाई हो..

आगरा,जागरण संवाददाता। 'हे सृष्टिकर्ता ईशान मांगता तुझसे हर बेटा भगत सिंह हो हर बेटी लक्ष्मीबाई हो' बाल कवि ईशान देव की इस पंक्ति को खूब दाद मिली। दयालबाग में ईशान देव साहित्य क्लब संस्था की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन में हंसी की फुहार भी छूटी तो हृदय की गहराइयों में उतरती कविता का बखान भी हुआ।

सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, पूर्व मंत्री रामजीलाल सुमन, विशिष्ट अतिथि मैनपुरी विधायक राजू यादव, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक योगेंद्र उपाध्याय एवं डा. पार्थसारथी शर्मा ने किया। हास्य कवि प्रताप फौजदार ने चुटकी लेते हुए कहा कि पहले जो प्रधानमंत्री थे वो बोलते ही नहीं थे और ये वाले चुप नहीं होते हैं। बाल कवि ईशान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जैसे संत हो, हर कवि निराला पंत हो। कार्यक्रम संयोजक डा. मंजू दीक्षित ने पढ़ा कि समझो न इसे अबला है, लाचार है औरत, अपनी पे उतर आएं तो तलवार है औरत। संचालन कर रहे डा. कुमार मनोज ने कहा कि मुसीबत में भी जीने के बहाने ढूंढ लेते हैं, कड़कती बिजलियों में आशियाने ढूंढ लेते हैं, सलीका जिदगी का सीखना है उन परिदों से, जो कूड़े में पड़े गेहूं के दाने ढूंढ लेते हैं। डा. सुरेंद्र यादवेंद्र ने कहा सारी अकड़ निकल गई अकड़ी हुई है जिदगी, खुद ही के जाल में फंसी मकड़ी हुई है जिदगी। सुरेश मिश्र ने पढ़ा कि हमें इंसान प्यारा है, हमें भगवान प्यारा है, मगर जब बात होगी देश-दुनिया से मुहब्बत की हमें सांसों से ज्यादा मेरा हिदुस्तान प्यारा है। हास्य कवि पवन आगरी ने कहा कि मन की बात रेडियो के बजाय किसानों के बीच में जाकर करनी चाहिए। वो बड़े हैं अपने मन की बात करते हैं, हम छोटे बस अमन की बात करते है। ऐलेश अवस्थी ने पढ़ा कि हृदय स्पंदनों सा अनछुआ अहसास है कविता। निराला, पंत और भूषण की अंतिम आस है कविता। अरुण उपाध्याय ने पढ़ा कि आंधियां बेशक चलें, बरसे भले काली घटाएं। आपदाएं मार्ग रोकें और आ आकर डरायें। नरेंद्र सिंह यादव ने ऊंचा हो तिरंगा कुछ श्रम कीजिए राष्ट्रहित में यह उपक्रम कीजिये सुना तालियां बटोरी। सम्मेलन में डा. अरुणोदय वाजपेयी, रिकी यादव, विनोद यादव, डा. रंजना बंसल, डा. अलका सेन आदि उपस्थित रहे।

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