15 करोड़ की आमदनी के बाद भी आगरा में महर्षिपुरम के विकास में एक रुपया भी नहीं हुआ खर्च
सड़कें पड़ी हैं टूटी नालियां और नाले का भी नहीं किया गया निर्माण। आगरा विकास प्राधिकरण ने बाह्य विकास शुल्क की धनराशि अन्य क्षेत्र के विकास में की खर्च। महर्षिपुरम क्षेत्र से सटकर केआर नगर प्रथम और द्वितीय है। इसके एक किमी के दायरे में डेढ़ दर्जन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा विकास प्राधिकरण को महर्षिपुरम क्षेत्र से पांच साल के भीतर 15 करोड़ रुपये का वाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) मिला है लेकिन विकास कार्यों पर एडीए ने एक रुपये भी खर्च नहीं किया है। क्षेत्रीय लोग विकास कार्यों को लेकर शिकायतें करते रहे। ज्ञापन तक दिए गए। एडीए अफसरों ने न तो एक बार सर्वे कराया और न ही क्षेत्र का निरीक्षण किया। यहां तक महर्षिपुरम योजना में जो भी पैसा जमा हुआ था। उसे अन्य क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च कर दिया गया।
महर्षिपुरम क्षेत्र से सटकर केआर नगर प्रथम और द्वितीय है। इसके एक किमी के दायरे में डेढ़ दर्जन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग हैं। इसमें प्रमुख रूप से केएस, वीके एंक्लेव, कमल एंक्लेव, राममोहन एंक्लेव शामिल हैं। इन बिल्डिंग से 20 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक का ईडीसी एडीए में जमा हुआ है। नियमानुसार अगर किसी क्षेत्र से 80 फीसद धनराशि जमा हो जाती है तो उसे क्षेत्र के विकास कार्य पर इसे खर्च किया जाना चाहिए लेकिन एडीए अफसरों ने 15 करोड़ रुपये जमा होने के बाद भी क्षेत्र के विकास को लेकर कोई सर्वे नहीं किया। न ही अलग से कोई प्लान बनाया गया। उलटे अफसरों ने ईडीसी मद में प्राप्त धनराशि को अन्य क्षेत्र के विकास में खर्च कर दिया।
- महर्षिपुरम में ईडीसी का जो भी पैसा जमा हुआ है। उसकी डिटेल संबंधित अफसरों से मांगी गई है।
डा. राजेंद्र पैंसिया, उपाध्यक्ष एडीए
- महर्षिपुरम क्षेत्र में विकास कार्य के नाम पर एडीए ने छल किया है। सड़कें टूटी पड़ी हैं और नाली और नाले का ठीक से निर्माण नहीं हुआ है।
मुकेश यादव, पूर्व पार्षद गैलाना
- ईडीसी की जो भी रकम मिली है। उसे क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए। इससे क्षेत्र का विकास और भी तेजी से होगा। लोगों को होने वाली परेशानियों से बचाया जा सकेगा।
शीलेंद्र शंकर, क्षेत्रीय निवासी
- नाली और नाले का ठीक से निर्माण होना चाहिए। महर्षिपुरम क्षेत्र से जो भी पैसा जमा हुआ है। उसे क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए था।
मयंक चौहान, क्षेत्रीय निवासी
- महर्षिपुरम की कई गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। कुछ यही हाल सीवर और पानी की लाइन का भी है। एडीए अफसरों को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।
पीके लवानियां, क्षेत्रीय निवासी