Public Facilities: 34 साल बाद भी आगरा के इस रिहायशी इलाके को साफ-सफाई और सुविधाओं का है इंतजार

सिकंदरा स्थित महर्षिपुरम में सुविधाओं के नाम पर छलावा। न सफाई की व्यवस्था न सीवर न चौड़ी नालियां होता है जलभराव। यहां सड़क किनारे रखे कूड़ेदान की कई दिनों तक सफाई न होने से कूडा सड़क तक फैलता रहता है। मंदिर के सामने कूड़े के ढ़ेर लगे हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:09 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:09 AM (IST)
Public Facilities: 34 साल बाद भी आगरा के इस रिहायशी इलाके को साफ-सफाई और सुविधाओं का है इंतजार
महर्षिपुरम इलाके का यह हाल है। यहां कचरा बिखरा रहता है।

आगरा, जागरण संवाददाता। करीब 34 वर्ष पुरानी आवासीय योजना होने के बावजूद सुविधाओं का घोर अभाव है। सीवर हैं नहीं, नालियां चौक हैं, साफ-सफाई की व्यवस्था भी बदहाल है। पाइपलाइन पड़ने के बाद भी आज तक गंगाजल की आपूर्ति नहीं हो सकी है।

सिकंदरा, गुरुद्वारा गुरु का ताल के पीछे स्थित महर्षिपुरम में करीब 300 परिवार रहते हैं। यहां सड़क किनारे रखे कूड़ेदान की कई दिनों तक सफाई न होने से कूडा सड़क तक फैलता रहता है। मंदिर के सामने कूड़े के ढ़ेर लगे हैं। सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ एक सफाई कर्मी पर है, जो चार-पांच दिन में एक बार आता है और लोगों को घरों के सामने सड़क पर खुद झाडू लगानी पड़ती है। सीवर भी नहीं हैं, नालियां चौक रहती हैं और गंदा पानी सड़क पर उफान मारता है। थोड़ी सी बरसात में जलभराव हो जाता है। क्षेत्र में पाइप-लाइन तो डाल दी गईं, लेकिन अब तक गंगाजल की सप्लाई नहीं हो सकी है।

खुद संवार रहे पार्क

कालोनी में ज्यादातर सेवानिवृत लोग रहते हैं। समस्या समाधान को तमाम शिकायतें की, लेकिन सुनवाई नही हुई। अब खुद कवायद कर वह कालोनी के पार्क का सुंदरीकरण चंदा जुटाकर कर रहे हैं, बाउंड्री बनवा रहे हैं। घास और पौधे भी लगाएंगे। उनकी अपील है कि नगर निगम पार्क में ओपन जिम व झूले लगवा दे, तो वहां की रौनक बढ़ जाएगी।

अव्यवस्थाओं का अंबार है। कालोनी बनाकर भुला दिया गया है। कोई सुविधा नहीं होने पर खुद व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं।

ओपी अग्निहोत्री, क्षेत्रीय निवासी।

नियमित सफाई न होना बड़ी परेशानी है। कूड़ेदान ओवर फ्लो हो जाता है, कूडा सड़क पर बिखरकर घरों में उड़कर जाता है।

रंजीत पांडेय, क्षेत्रीय निवासी।

इलाके में सीवर की दिक्कत है। नालियां चौक रहती हैं। बारिश होते ही जलभराव की स्थिति बन जाती है। कोई सुनवाई नहीं होती।

राधेश्याम शर्मा, क्षेत्रीय निवासी।

कालोनी में लोगों को खुद सफाई व्यवस्था संभालनी पड़ती है। पार्क का भी सुंदरीकरण चंदा करके खुद ही कर रहे हैं।

राजेंद्र शर्मा, क्षेत्रीय निवासी।

गंगाजल लाने के लिए कालोनी में पाइपलाइन पड़े कई महीने बीत गए, लेकिन गंगाजल आज तक नहीं आया है।

मुकेश पांडेय, क्षेत्रीय निवासी।

कालोनी में गंदगी के कारण बच्चे बाहर खेलने नहीं निकल सकते क्योंकि बेसहारा पशु दिनभर विचरण करते हैं। जान को जोखिम है।

जय सिंह, क्षेत्रीय निवासी।

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