Johns Mill: ईओडब्ल्यू ने सौ साल पुराने दस्तावेजों को कब्जे में लिया

जमीन से जुड़े हैं सभी दस्तावेज। दस और लोगों को बयान के लिए जारी किया गया नोटिस। 33 हेक्टेअर जमीन की चल रही है जांच। अब तक 25 लोग दर्ज करा चुके हैं बयान। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा कर रही है जांच।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 04:25 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:25 PM (IST)
Johns Mill: ईओडब्ल्यू ने सौ साल पुराने दस्तावेजों को कब्जे में लिया
आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ने 10 वर्ष पुराने दस्तावेज कब्जे में लिए।

आगरा, जागरण संवाददाता। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) कानपुर ने जोंस मिल की जमीन में हुए खेल की जांच तेज कर दी है। टीम ने जमीन से जुड़े सौ साल पुराने दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है। यह दस्तावेज 33 हेक्टेअर जमीन के हैं। उप निबंधक पंचम कार्यालय से भी दस फाइलें ली गई हैं। यह भी फाइलें रजिस्ट्री की हैं। कई रजिस्ट्री में तीन से चार बार संशोधन किया गया है। वहीं ईओडब्ल्यू ने दस और लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है। अब तक 25 लोग बयान दर्ज करा चुके हैं।

जीवनी मंडी रोड स्थित जोंस मिल की जमीन को फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेचा गया है। इस प्रकरण में रज्जो जैन, हेमेंद्र अग्रवाल और सरदार कंवलदीप सिंह को भू माफिया घोषित किया जा चुका है। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि अधिकांश दस्तावेज टीम ने अपने कब्जे में ले लिए हैं। जरूरत के हिसाब से रजिस्ट्री की फोटोकापी ली जा रही है।

रजिस्ट्री पर है रोक

जोंस मिल के दस खसरों की जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगी है। उप-निबंधक कार्यालय पंचम में रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। रजिस्ट्री की आस में सप्ताह में पांच से सात लोग पहुंचते हैं।

19 जुलाई, 2020 को हुआ था बम कांड

जोंस मिल में 19 जुलाई, 2020 को बम कांड हुआ था। डीएम प्रभु एन. सिंह के आदेश पर तत्कालीन एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने मामले की जांच कर 18 दिसंबर, 2020 को रिपोर्ट डीएम को दी। रज्जो जैन, हेमेंद्र अग्रवाल और कंवलदीप सिंह को दोषी पाया गया। इसी साल तीनों को भू माफिया घोषित किया गया। जोंस मिल की जमीन 2500 करोड़ रुपये की है।

रद हो चुका है नक्शा

जीवनी मंडी पुलिस चौकी के समीप निर्माणाधीन बिल्डिंग का नक्शा नौ माह पूर्व तत्कालीन एडीए उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र कुशवाहा के आदेश पर निरस्त किया जा चुका है। बिल्डिंग पुलिस विभाग की जमीन पर बन रही है।

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