Agra Lucknow Expressway: लखनऊ एक्सप्रेस वे, ईओडब्ल्यू कर रही जमीन खरीद के घोटाले की जांच
Agra Lucknow Expressway सपा शासनकाल में बनकर तैयार हुआ था एक्सप्रेस वे तहसील सदर और फतेहबाद की 250 हेक्टेअर की हुई थी खरीद। गृह विभाग के अनुसचिव मनोज वर्मा ने आगरा सहित नौ डीएम से जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा।
आगरा, जागरण संवाददाता। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) कानपुर ने लखनऊ एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद में हुए घोटाले की जांच शुरू कर दी है। ईओडब्ल्यू को जमीन खरीद से संबंधित दस्तावेज चाहिए। गृह विभाग के अनुसचिव मनोज वर्मा ने आगरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, कानपुर नगर, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ के डीएम से जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है। यह दस्तावेज सीधे ईओडब्ल्यू की टीम को देने होंगे। इससे जांच में तेजी आ सकेगी। सपा शासनकाल में देश का सबसे बड़ा लखनऊ एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हुआ था। इसकी लंबाई 302 किमी है। आगरा में यह तहसील सदर और फतेहाबाद से होकर गुजरा है। दोनों तहसीलों की 250 हेक्टेअर जमीन की खरीदी हुई है। सर्किट रेट से कहीं अधिक दर पर जमीन का भुगतान हुआ है। यहां तक खसरा नंबर तक बदला गया है। नगला लोहिया फतेहाबाद में गाटा संख्या 68 का रकबा तीन सौ वर्ग मीटर अधिक होने की शिकायत की गई थी। इसी तरह से तहसील सदर के कई गांवों में तय रेट से अधिक भुगतान किया गया।
एक साल में दो बार बढ़ाया गया सर्किल रेट
सपा शासनकाल में लखनऊ एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद के दौरान एक साल में दो बार सर्किट रेट बढ़ाया गया है। आगरा के इतिहास में पहली बार एक साल में दो बार सर्किट रेट में बढ़ोतरी की गई थी। यह सब जमीनों के रेट बढ़ाने के लिए किया गया था। यहां तक खादर की भूमि का भी सौदा किया गया।
लखनऊ एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद के दस्तावेज जल्द संबंधित जांच एजेंसी को उपलब्ध कराए जाएंगे। शासन के आदेश का पालन होगा।
प्रभु एन सिंह, डीएम