ताजमहल पर गोल्डीकाइरोनोमस के दाग से बचाने को पर्यावरणविद एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन ने बताया ये समाधान
कहा ताजमहल पर गोल्डीकाइरोनोमस का स्थायी समाधान तलाशे सरकार। आगरा में एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन डा. एसके गोयल ने किया ताजमहल का निरीक्षण। यमुना की दशा पर जताई चिंता ताज के लिए स्वच्छ पानी की बताई आवश्यकता।
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना में नालों का गंदा पानी नहीं जाने देने के नगर निगम के कोरे दावों की पाेल शनिवार को एक बार फिर खुली। पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता और नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के चेयरमैन डा. एसके गोयल को ताज ईस्ट ड्रेन का बुरा हाल मिला। यमुना में सीधे गंदगी जा रही थी और दुर्गंध की वजह से वहां खड़ा होना मुश्किल था। उन्होंने ताजमहल के पीछे यमुना में पनप रहे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस का स्थायी समाधान तलाशने की बात कही। शुक्रवार को भी मंटोला नाला और भैरों नाला का बुरा हाल मिला था।
एमसी मेहता और डा. एसके गोयल शनिवार दोपहर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसअाइ) के अधिकारियों के साथ ताज टेनरी पहुंचे। यहां ताज ईस्ट ड्रेन यमुना में गिरकर उसे प्रदूषित करती है। टेनरी के पास यमुना में सिल्ट जमा है। मेहता और गोयल को ताज ईस्ट ड्रेन से यमुना में सीधे गिर रही गंदगी नजर आई। उन्होंने टेनरी के ऊपर से ताजमहल और टेनरी के बीच यमुना में जमा सिल्ट को देखकर चिंता जताई। इसके बाद वो ताजमहल पहुंचे। मुख्य मकबरे पर उन्होंने यमुना की गंदगी में पनपने वाले कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़ी जाने वाली गंदगी, ताजमहल पर धूल की परतें जमने और उसके दुष्प्रभावों की जानकारी की। एएसआइ के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यमुना में पानी कम है और मौसम बदल रहा है, जिससे यमुना में गोल्डीकाइरोनोमस बढ़ रहा है और ताजमहल पर आ रहा है। उसके द्वारा छोड़ी जा रही गंदगी से ताज पर निशान बन रहे हैं। प्रति सप्ताह डिस्टिल वाटर से इसे धोकर साफ किया जाएगा। ताजमहल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। एमसी मेहता ने कहा कि सरकार को इसका स्थायी समाधान खोजना चाहिए। यमुना सूखी नहीं रहे आैर उसमें स्वच्छ पानी होना चाहिए। नीरी के चेयरमैन डा. एसके गोयल ताजमहल पर कीड़ों द्वारा छोड़ी जा रही गंदगी के फोटो खींचते रहे। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्व रसायनज्ञ डा. एमके भटनागर, अमरनाथ गुप्ता आदि मौजूद रहे।
ताज पर धूल के असर को जाना
धूल कणों की वजह से ताजमहल के संगमरमर का रंग बदलने के बारे में जानकारी एमसी मेहता ने ली। उन्हें बताया गया कि धूल की वजह से ताजमहल के संगमरमर का रंग नहीं बदलता, उस पर धूल कणों की परत जमा हो जाती हैं, जिससे उसका रंग बदला हुआ नजर आता है। धूल कणों के टकराने से संगमरमर का क्षरण होता है। गुंबद को छोड़कर पूरे स्मारक पर मडपैक ट्रीटमेंट कर उसे साफ किया जा चुका है।
एएसआइ के कार्यों से दिखे संतुष्ट
एमसी मेहता ने हवेली आगा खां को देखकर कहा कि पूर्व की अपेक्षा यह बेहतर हुआ है। हाथीखाना में चल रहे संरक्षण कार्य को देखकर उन्होंने कहा कि इससे धरोहर सुरक्षित रहेगी। पहले यहां असामाजिक तत्वों का डेरा रहता था। ताजमहल के रखरखाव, पर्यटकों की सुविधा को किए गए इंतजामों, पर्यटकों को दीवार छूने से रोकने को लगाई गई रेलिंग, शू-कवर, टिकटिंग आदि की व्यवस्था से वो संतुष्ट नजर आए।
कोर्ट के आदेशाें का हो पालन
एमसी मेहता और डा. एसके गोयल ने शनिवार सुबह कमिश्नर आवास पर कमिश्नर अमित गुप्ता के साथ बैठक की। उन्होंने ताज ट्रेपेजियम जोन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी किए आदेशों का पालन करने पर जोर दिया। यमुना में सीधे गिर रहे नालों को रोकने, अनटैप्ड नालाें पर जाली बढ़ाने, यमुना में गंदगी को जाने से रोकने के लिए बायो रेमेडिएशन और फाइटो रेमेडिएशन तकनीक को पुख्ता करने काे कहा।
बैराज की ली जानकारी
सर्किट हाउस में एमसी मेहता और डा. एसके गोयल ने एएसआइ और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों के साथ बैठक की। ताज बैराज के लिए ढाई दशक पूर्व सुप्रीम कोर्ट का आर्डर होने के बावजूद उसका निर्माण नहीं होने और यमुना में डिसिल्टिंग के बारे में जानकारी की। अधिकारियों ने उन्हें ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में नगला पैमा में रबर चेकडैम का प्रस्ताव होने, रबर चेकडैम और डिसिल्टिंग से संबंधित केस कोर्ट में विचाराधीन होने की जानकारी दी।
मेट्रो भविष्य को देखते हुए अच्छा प्रोजेक्ट
एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन डा. एसके गोयल की बैठक में मेट्रो के अधिकारी कई बार संपर्क करने के बावजूद नहीं पहुंचे। डा. एसके गोयल ने कहा कि शुक्रवार को मेट्रो के काम को देखा था। शहर की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह अच्छा प्राेजेक्ट है।