Environment Conservation: आगरा में पर्यावरण को पांच वर्ष तक पहुंचाया था नुकसान, एनएचएआइ को जमा कराने पड़े 6.84 करोड़
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर लगाया था जुर्माना। वर्ष 2014 से 2019 तक हाईवे को सिक्स लेन करने के काम में उड़ाई थी धूल। दो वर्ष बाद एनएचएआइ को जमा करानी पड़ी जुर्माना राशि।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में पांच वर्षों तक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को 6.84 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ा है। आगरा-दिल्ली हाईवे को सिक्स लेन करने के काम में धूल उड़ाने पर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने यह जुर्माना लगाया था। यूपीपीसीबी ने अब अन्य विभागों को जुर्माना राशि जमा कराने को रिमाइंडर भेजना शुरू कर दिया है।
आगरा-दिल्ली हाईवे को सिक्स लेन करने के काम में एनएचएआइ ने मानकों का पालन नहीं किया था। धूल उड़ने से शहरवासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा था। वर्ष 2019 में तत्कालीन कमिश्नर के निर्देश पर यूपीपीसीबी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनएचएआइ पर पांच वर्षों तक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का आकलन किया था। अगस्त, 2019 में यूपीपीसीबी ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए 6.84 करोड़ रुपये का जुर्माना एनएचएआइ के फरीदाबाद/अागरा खंड पर लगाया था। एनएचएआइ को जुर्माना राशि अदा करने को कहा गया था। पिछले दिनों उसने जुर्माना राशि जमा कर दी। इससे पूर्व सितंबर के दूसरे पखवाड़े में आगरा स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड ने पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर 32 लाख रुपये का जुर्माना जमा किया था। स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर फतेहाबाद रोड के चौड़ीकरण व सुंदरीकरण, ताजगंज में पानी व सीवर लाइन बिछाने के काम में धूल उड़ाने पर यह जुर्माना लगाया गया था।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि एनएचएआइ ने जुर्माना राशि जमा करा दी है। अन्य विभागों को जुर्माना राशि जमा कराने को रिमाइंडर जारी किए गए हैं।
इन्होंने अदा नहीं किया है जुर्माना
-दिसंबर, 2019 में यूपीपीसीबी के लखनऊ मुख्यालय ने दिसंबर, 2019 में जल निगम पर 15 लाख रुपये का जुर्माना किया था। धांधूपुरा, पीलाखार व नगला बूढ़ी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से यमुना में प्रदूषित पानी छोड़ने पर यह जुर्माना किया गया था।
-आगरा विकास प्राधिकरण पर इनर रिंग रोड के निर्माण के दौरान धूल उड़ने पर नवंबर, 2020 में 32 लाख रुपये का जुर्माना किया गया।
-जल निगम पर बोदला, पश्चिमपुरी, दहतौरा, लोहामंडी रोड पर सीवर लाइन की खोदाई के काम में धूल नियंत्रण के उपाय नहीं करने पर नवंबर, 2020 में 32 लाख रुपये का जुर्माना किया गया।