MANREGA: रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी, मां, पिता के नाम बना दिए जाब कार्ड, अब जांच के घेरे में
MANREGA एक रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी मां पिता चाचा आदि परिजनों के नाम ही जाब कार्ड बना दिए। लंबे समय तक वह इनके नाम चढ़ाकर मजदूरी वसूलता रहा। शिकायत के बाद पोल खुली तो जांच के घेरे में आ गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में खूब धांधली हो रही है। एक रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी, मां, पिता, चाचा आदि परिजनों के नाम ही जाब कार्ड बना दिए। लंबे समय तक वह इनके नाम चढ़ाकर मजदूरी वसूलता रहा। शिकायत के बाद पोल खुली तो जांच के घेरे में आ गया।मनरेगा, उपायुक्त अरमेंद्र प्रताप सिंह पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
ये मामला है अछनेरा ब्लाक की ग्राम पंचायत महुअर का। धांधली की शिकायत पर उपायुक्त अमरेंद्र प्रताप सिंह ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में आरोपित रोजगार सेवक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया है। अब नोटिस जारी कर उससे लिखित में जवाब मांगा जाएगा।
महुअर के इंदल सिंह ने शिकायत की थी कि रोजगार सेवक ने मनरेगा में अपने परिचितों के नाम चढ़ाकर सरकारी धन वसूला है। उपायुक्त इस शिकायत की जांच के लिए गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के सामने मामले की जांच शुरू की। महुअर में हाल ही में तीन कार्य कराए गए। इन कार्यों में लगे मनरेगा मजदूरों के नाम पढ़कर सुनाए।सभी ने पुष्टि की है कि मजदूरों ने इन कार्यों में काम किया। शिकायतकर्ता ने तीन नामों पर आपत्ति की। इनके बारे में रोजगार सेवक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि तीनों नाम के आगे रजिस्टर में गैरहाजिर भरा गया है।इसके अलावा पिछले साल कराए गए कुछ कार्यों में ऐसे मजदूरों के नाम दर्ज किए गए थे, जो रोजगार सेवक के परिजन थे। शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी, मां, पिता, चाचा, भतीजे के नाम जाब कार्ड बनवाए हैं। रोजगार सेवक इन नामों के संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं पाया। उपायुक्त का कहना है कि इस मामले में रोजगार सेवक प्राथमिक जांच में दोषी प्रतीत हो रहा है। जांच अभी जारी है।इधर, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस भी इस मामले में डीएम के यहां शिकायत की है।