आगरा के जूता निर्यातकों की चुनाैतियां नहीं हो रहीं कम, अब लगा एक और झटका

चेन्नई फेयर स्थगित मीट एट आगरा भी टला। एफमेक फरवरी में आयोजन पर कर रही थी विचार। पहले से आर्डर कम होने से जूझ रहे जूता निर्यातकों की चुनौतियां यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बाद बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 05:05 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 05:05 PM (IST)
आगरा के जूता निर्यातकों की चुनाैतियां नहीं हो रहीं कम, अब लगा एक और झटका
फरवरी में मीट एट आगरा का आयोजन टाल दिया गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण से जूता उद्याेग उबर नहीं पा रहा है। जनवरी-फरवरी में होने वाला चेन्नई फेयर स्थगित हो गया है। अागरा में फरवरी में प्रस्तावित मीट एट आगरा भी टाल दिया गया है। पहले से आर्डर कम होने से जूझ रहे जूता निर्यातकों की चुनौतियां यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बाद बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) द्वारा एक दशक से अधिक समय से मीट एट आगरा का आयोजन ताजनगरी में किया जा रहा है। पिछले वर्ष यह आयोजन अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित था। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बड़े आयोजनों पर रोक आैर इंटरनेशनल फ्लाइट पर लगी रोक के चलते मीट एट आगरा का आयोजन नहीं हो सका। आयोजकों द्वारा फरवरी में इसके आयोजन पर विचार किया जा रहा था। इस बीच यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर ने मुश्किलें बढ़ा दीं। समर सीजन के आर्डर होल्ड हो गए और इंटरनेशनल फ्लाइट का संचालन भी शुरू नहीं हाे सका। इसके चलते आयोजकों ने फरवरी में मीट एट आगरा के आयोजन को टाल दिया है। हाल-फिलहाल इसका आयोजन संभव नजर नहीं आ रहा है। उधर, चेन्नई में जनवरी-फरवरी (जनवरी के अंतिम सप्ताह व फरवरी के प्रथम सप्ताह) में होने वाला फेयर भी स्थगित हो चुका है। इस फेयर में इसमें लेदर, मशीनरी, कंपोनेंट्स, असेसरीज के स्टाल आदि लगते हैं। आगरा से इस फेयर में विजिटर बड़ी संख्या में जाते हैं।

एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि फरवरी में मीट एट आगरा के आयोजन पर विचार किया गया था। इंटरनेशनल फ्लाइट के अभाव में बायर्स का आना मुश्किल है। इसलिए फरवरी में मीट एट आगरा का आयोजन टाल दिया गया है।

नहीं है काम

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते विंटर सीजन का आर्डर घटकर 40-50 फीसद रह गया था। जितने आर्डर मिले थे, उनका काम पूरा हो चुका है। यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर ने आर्डर होल्ड कर दिए हैं।

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