जिला अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर

ओपीडी में रिकार्ड 2325 मरीज पहुंचने पर धक्कामुक्की हाथ से बनवाने पड़े पर्चे मेडिकल कालेज में भी बुखार के मरीज बढ़े मेडिसिन और बाल रोग विभाग की ओपीडी के बाहर लाइन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:47 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:47 PM (IST)
जिला अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर
जिला अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर

आगरा, जागरण संवाददाता । जिला अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को सोमवार को स्ट्रेचर नहीं मिला। स्वजन ने उन्हें उठाकर ओपीडी तक ले गए। वहीं, मरीजों की संख्या अधिक होने पर ओपीडी के पर्चे के लिए धक्कामुक्की हुई। हाथ से पर्चे बनवाने पडे़। एसएन मेडिकल कालेज में बुखार के मरीजों की लाइन लगी रही।

जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे बल्केश्वर निवासी बुजुर्ग लज्जा देवी को लेकर तीमारदार पहुंचे। उन्हें ओपीडी तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। तीन तीमारदारों ने उनके हाथ और पैर पकडे़, उन्हें उठाया और ओपीडी तक लेकर पहुंचे। वहीं, ओपीडी में रिकार्ड मरीज पहुंचे, ओपीडी के पर्चे के लिए धक्कामुक्की होने पर आनलाइन के साथ एक काउंटर पर हाथ से पर्चे बनवाने पडे़। यहां मेडिसिन और बाल रोग विभाग की ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या अधिक रही। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि ओपीडी में 2,325 मरीज आए, इस साल ओपीडी में इतने मरीज नहीं आए। मरीजों की संख्या अधिक होने पर 400 पर्चे हाथ से बनवाए।

उधर, एसएन मेडिकल कालेज में मेडिसिन की ओपीडी में 444 मरीजों को परामर्श दिया गया। यहां बुखार, सांस लेने में परेशानी और पेट संबंधी समस्या के मरीजों की संख्या अधिक रही। वहीं, बाल रोग विभाग की ओपीडी में 167 मरीजों को परामर्श दिया गया। यहां भी बुखार के मरीज अधिक रहे, मौसम बदलने से चर्म रोग विभाग की ओपीडी में भी मरीज बढ़ गए हैं। यहां 308 मरीजों को परामर्श दिया गया। ओपीडी में 2,108 मरीजों को परामर्श दिया गया। मरीजों को नहीं मिल रहीं दवाएं

मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल की ओपीडी से मरीजों को सभी दवाएं नहीं मिल रही हैं। बुखार के के साथ ही चर्म रोग के मरीजों को बाजार की दवाएं लिखी जा रही हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने पर धक्कामुक्की के बाद पर्चा बना, दवा भी बाजार से खरीदने के लिए कह दिया।

अमित कुमार, ईदगाह बेटे को तीन दिन से बुखार आ रहा था, अस्पताल से दवा नहीं दी। बाजार की दवाएं लिख दीं।

गुड्डी देवी, चक्की पाट

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