Family Dispute: आगरा में घरेलू हिंसा के मामले में उच्च शिक्षित लोग भी पीछे नहीं, हैरान कर देगा ये डाटा

Family Dispute प्रोफेसर डाक्टर और इंजीनियर भी करते हैं पत्नियों पर अत्याचार। महिला थाने में दर्ज होने वाले दस फीसद मुकदमे उच्च शिक्षित दंपतियों के। महिला थाने में इस वर्ष जनवरी से 15 जून तक घरेलू हिंसा व दहेज आदि के 21 मुकदमे दर्ज किए गए।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:40 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:05 AM (IST)
Family Dispute: आगरा में घरेलू हिंसा के मामले में उच्च शिक्षित लोग भी पीछे नहीं, हैरान कर देगा ये डाटा
पढे लिखे लोगो के बीच ज्यादा होने लगे है घरेलू हिसा के मामले प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। केस एक: आगरा के एक महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर की शादी गोरखपुर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर से हुई। विदा होकर ससुराल पहुंचते ही प्रोफेसर पति ने पत्नी का एटीएम अपने कब्जे में ले लिया। वह अपनी सारी खरीददारी पत्नी के वेतन से करते। एसाेसिएट प्रोफेसर पत्नी ने इसे पति का हक समझते हुए एतराज नहीं किया। मगर, कुछ महीने बाद ही प्रोफेसर पति ने जब पत्नी को वीडियो काल करके उनकी लाेकेशन मांगनी शुरू कर दी। वह कहां गई हैं, क्या कर रही हैं, यह बताने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो पत्नी ने विरोध किया। इस पर पति ने उनकी मोबाइल काल पर नजर रखना शुरू कर दिया। पत्नी पर मकान के नाम से 50 लाख रुपये का लोन लेने का दबाव बनाने लगे। मना करने पर उनका मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू कर दिया। करीब एक साल तक घरेलू हिंसा की शिकार होती रहीं एसोसिएट प्रोफेसर ने परिस्थितियों में सुधार होता नहीं देख पति के खिलाफ महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

केस दो: आगरा की एमबीबीएस डाक्टर की शादी तीन साल पहले मंदसौर के डाक्टर से हुई थी। शादी के बाद से ही पति और ससुराल वालों ने डाक्टर बहू का आर्थिक उत्पीड़न शुरू कर दिया। उसकी कमाई पर अपना हक जताने लगे। डाक्टर पत्नी को बात-बात पर पति को सफाई देनी पड़ती थी। वह कहां जा रही है, कितनी देर में लौटेंगी। पति ने कई बार शारीरिक उत्पीड़न किया। पति और ससुराल वालों का व्यवहार उनके प्रति काफी रूखा रहता। उन्होंने डाक्टर बहू का मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया। इससे वह अपने पेशे के प्रति ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थीं। डाक्टर पति और ससुराल वालों के व्यवहार से परेशान होकर पत्नी ने उनके खिलाफ महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसकी जांच अब क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित हो गई है।

यह दो मामले उदाहरण हैं,जो पुलिस तक पहुंचे और मुकदमा दर्ज हुआ। पत्नियो के उत्पीड़न और उनसे घरेलू हिंसा में उच्च शिक्षित लोग भी पीछे नहीं हैं। वह भी पत्नियों की उनके मोबाइल पर लोकेशन जानने का प्रयास करते हैं। घरेलू हिंसा करने वालों में एसोसिएट प्रोफेसर, डाक्टर और इंजीनियर तक शामिल हैं। यह सभी उच्च शिक्षित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। महिला थाने में उच्च शिक्षित लोगों द्वारा पत्नी के उत्पीड़न के इस साल एक दर्जन से ज्यादा मामले पहुंचे हैं। इनमें अधिकांश मामलों में काउंसिलिंग के बाद सुलह कराई गई। जबकि कुछ मामलों में मुकदमे दर्ज करने पड़े। महिला थाने आने वाले घरेलू हिंसा के मामलों में दस फीसद मामले उच्च शिक्षित लोगों के होते हैं। महिला थाने में इस वर्ष जनवरी से 15 जून तक घरेलू हिंसा व दहेज आदि के 21 मुकदमे दर्ज किए गए। वर्ष 2020 में 50 और वर्ष 2019 में 227 मुकदमे दर्ज किए थे।

महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा करने वालों प्रोफेसर, डाक्टर और इंजीनियर जैसे उच्च शिक्षित लोग भी आरोपित हैं। इस तरह के कई मामलों को काउंसिलिंग से सुलझाया गया। जबकि कुछ मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया।

अलका सिंह इंस्पेक्टर महिला थाना 

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