ताजमहल के पीछे म्‍यूजिक कंसर्ट, जिलाधिकारी को सौंपा गया जांच का जिम्‍मा

ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी के चेयरमैन अमित गुप्ता ने सौंपी डीएम आगरा पीएन सिंह को जांच। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का किया गया है उल्लंघन। एडीए ने न तो कार्यक्रम से पहले कोई अध्ययन कराया था और न ही अनुमति ली थी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:59 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:59 AM (IST)
ताजमहल के पीछे म्‍यूजिक कंसर्ट, जिलाधिकारी को सौंपा गया जांच का जिम्‍मा
ताजमहल के पीछे म्‍यूजिकल कंसर्ट कराए जाने की जांच डीएम आगरा करेंगे।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताज व्यू प्वाइंट पर एडीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर कराए गए कंसर्ट की जांच ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) अथारिटी के चेयरमैन/कमिश्नर अमित गुप्ता ने डीएम पीएन सिंह को सौंपी है। उनसे शीघ्र जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है। ये मामला धीरे धीरे तूल पकड़ रहा है। बुधवार शाम एडीए द्वारा ताज व्यू प्वाइंट पर बुधवार शाम 'इंक्रेडिबल ताज कंसर्ट्स' का आयोजन किया गया था। टीटीजेड अथारिटी के चेयरमैन/कमिश्नर अमित गुप्ता ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम शुरू कराया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 मार्च, 1998 को दिए गए आदेश के अनुसार ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता है। इस दायरे में कार्यक्रम कराने के लिए कार्यक्रम से ताजमहल के पर्यावरणीय परिवेश पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कराना और उसके बाद संबंधित विभागों से अनुमति लेना आवश्यक है। इसके उल्लंघन पर ताजमहल के अंदर कार्रवाई के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और 500 मीटर की परिधि में जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। एडीए ने न तो कार्यक्रम से पहले कोई अध्ययन कराया था और न ही अनुमति ली थी। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने 500 मीटर के दायरे में कार्यक्रम से संबंधित गाइडलाइन की जानकारी होने से इन्कार किया था। कमिश्नर अमित गुप्ता ने बताया कि डीएम को जांच सौंपी है। उनसे शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट में उठ सकता है मामला

पर्यावरणविद् व अधिवक्ता एमसी मेहता तक एडीए द्वारा ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में ताज व्यू प्वाइंट पर नियमविरुद्ध कंसर्ट के आयोजन का मामला पहुंच गया है। उनसे जुड़े स्थानीय लोगों ने उन्हें कार्यक्रम के फोटोग्राफ व वीडियो और अधिकारी की बाइट के वीडियो भेजे हैं। मेहता ने उनसे अध्ययन के बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आदेश का उल्लंघन होने की स्थिति में मामला रखे जाने की बात कही है।

chat bot
आपका साथी