भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने पर रार, मंदिर का हो निर्माण
इंद्रापुरम में लगनी है छह फीट ऊंची प्रतिमा इंटरनेट मीडिया पर छाया मुद्दा भाजपा पार्षदों सहित विभिन्न संगठनों ने किया विरोध
आगरा, जागरण संवाददाता। इंद्रापुरम सौ फुटा रोड पर भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा पार्षदों से लेकर विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया है। इंटरनेट मीडिया पर शनिवार को यह मुद्दा छाया रहा। विभिन्न संगठनों ने मंदिर का निर्माण का भगवान परशुराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की मांग की है। बिना मंदिर बने प्रतिमा लगाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
वार्ड 78 के पार्षद जगदीश पचौरी ने शुक्रवार को नगर निगम की कार्यकारिणी में इंद्रापुरम सौ फुटा रोड पर भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रखा था। प्रतिमा छह फीट ऊंची होगी। वार्ड 45 के पार्षद राजेश प्रजापति ने कैला देवी, आवास विकास चौराहा का नाम परशुराम चौक और फरसा रखने का प्रस्ताव रखा था। शनिवार को प्रतिमा स्थापित करने का विरोध शुरू हो गया। उधर, कैंप कार्यालय में मेयर नवीन जैन का स्वागत किया गया। इंद्रापुरम में प्रतिमा लगाने को लेकर बधाई दी गई।
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पार्षद बैकफुट पर, मंदिर में लगेगी मूर्ति
भगवान परशुराम की प्रतिमा को लेकर मची रार को देखते हुए पार्षद जगदीश पचौरी बैकफुट पर आ गए। उन्होंने कहा कि इंद्रापुरम सौ फुटा रोड पर दीनदयाल पार्क है। पार्क में मंदिर बनाकर भगवान परशुराम की मूर्ति की स्थापना 14 जनवरी 2021 को होगी। -----
- हिदू मान्यताओं के हिसाब से भगवान परशुराम विष्णु के अवतार हैं। ऐसे में मंदिर बनाकर मूर्ति लगनी चाहिए न की प्रतिमा। प्रस्ताव पूरी तरह से औचित्यहीन है।
अनुराग चतुर्वेदी, भाजपा पार्षद - ब्राह्मण समाज खुले स्थल में भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने का विरोध करेगा। निगम प्रशासन को मंदिर बनाकर मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
राहुल चतुर्वेदी, सपा नेता - इंद्रापुरम में भगवान परशुराम की प्रतिमा नहीं लगने दी जाएगी। समिति पूरी तरह से विरोध करेगी। जरूरत पड़ने पर रोड पर भी उतरेगी।
राजेश शर्मा अध्यक्ष महर्षि परशुराम जयंती महोत्सव समिति
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मेयर बोले ब्राह्मण समाज का निर्णय होगा मान्य
मेयर नवीन जैन का कहना है कि वार्ड 78 के पार्षद जगदीश पचौरी ने भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रखा था। जिसे कार्यकारिणी से पास किया। ब्राह्मण समाज अगर प्रतिमा के बदले मूर्ति का निर्णय लेगा तो निगम प्रशासन को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी। ब्राह्मण समाज का निर्णय मान्य होगा।
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