International Picnic Day: ताजनगरी में सूने पड़े पिकनिक स्थल, कोरोना ने बदल दिया जीने का अंदाज
अंतरराष्ट्रीय पिकनिक दिवस मनाया जा रहा है शुक्रवार को। गुलजार रहने वाले सूर सरोवर ताज नेचर वाक वाटर पार्क में पसरा पड़ा सन्नाटा। कोरोना के चलते पिकनिक से जुड़े कारोबार को करोड़ाें का घाटा। दो साल की गर्मियों में घर में बंद रहे लोग।
आगरा, अली अब्बास। कोरोना वायरस संक्रमण के एक साल से जारी प्रकोप ने स्कूलों की छुट्टियों के दौरान बच्चों के साथ परिवार का पिकनिक का रोमांच लगभग खत्म कर दिया है। संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करने के चलते लोगों ने पिकनिक स्थलों से दूरी बना ली। इससे पिकनिक से जुड़े कारोबार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है।
आगरा के करीब एक लाख लोग हर साल परिवार और बच्चों के साथ पिकनिक मनाने जाते हैं। यह परिवार आगरा और आसपास के पिकनिक स्थलों, पर्यटन स्थलों व पहाड़ों पर जाते थे। स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी होते ही शहर के करीब एक दर्जन प्रमुख पिकनिक स्थल गुलजार हो जाते थे। अभिभावक बच्चों के साथ इन पिकनिक स्थलों की रौनक बढ़़ाते दिखाई देते थे। पिछले साल मार्च से महामारी के प्रकोप ने पिकनिक के रोमांच को खत्म कर दिया।
लोगों के आगरा और उससे बाहर पिकनिक मनाने पर लगाम सी लगा दी है। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका ने लोगों को घरों में समेट दिया है।संक्रमण से बचने के लिए वह पिकनिक स्थलों पर लोगों के बीच जाने से बच रहे हैं। इससे शहर के सभी पिकनिक स्थलों पर इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।
ये हैं प्रमुख पिकनिक स्पाट
सूर सरोवर पक्षी विहार, ताज नेचर वाक, बटेश्वर, सदर बाजार, सिकंदरा हाईवे स्थित वाटर पार्क, ताजनगरी जोनल पार्क, सिकंदरा आवास विकास का सेंट्रल पार्क, सुभाष पार्क, पालीवाल पार्क, बाल विहार
क्या कहते हैं कारोबारी
मथुरा हाईवे पर डाल्फिन वाटर पार्क संचालित करने वाले अशोक अग्रवाल बताते हैं कोरोना के चलते पिकनिक स्पाट इस साल भी बंद पड़ा है। इससे करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें वाटर पार्क के रख-रखाव और बिजली के बिल का खर्च भी शामिल है।
गर्मी का मौसम भी गुजर गया घर में
लगातार यह दूसरा मौका है, जब गर्मी का मौसम भी घर में बंद होकर गुजर गया। वरना इन दिनों लोग सैर-सपाटे को निकलते थे। कोई पहाड़ों पर सैर करने जाता था तो कोई विदेश की यात्रा पर। जिसको इन दोनों ही जगह जाना नसीब होता था, वह शहर के ही दर्शनीय स्थलों की परिवार को सैर कराकर चाट-पकौड़ी का आनंद दिलाता था।