विभागों में तालमेल का अभाव, पिस रहे हजारों छात्र-छात्राएं

शुल्क प्रतिपूर्ति को लेकर उच शिक्षा और समाज कल्याण विभाग में नहीं तालमेल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:30 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:30 PM (IST)
विभागों में तालमेल का अभाव, पिस रहे हजारों छात्र-छात्राएं
विभागों में तालमेल का अभाव, पिस रहे हजारों छात्र-छात्राएं

आगरा, जागरण संवाददाता। उच्च शिक्षा और समाज कल्याण विभाग के बीच तालमेल के अभाव में हजारों छात्र-छात्राओं को शुल्क प्रतिपूर्ति का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं इस योजना का लाभ लेने के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। मगर, उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

दरअसल, शासकीय कालेजों को छोड़कर जिले के 443 कालेजों के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को संबंधित कोर्स की फीस के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में सिर्फ 14,775 रुपये का लाभ दिया जा रहा है। जबकि सरकार की ओर से शत-प्रतिशत शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रविधान है। छात्र-छात्राओं को इस योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पाने की जानकारी तब होती है, जब कालेज प्रबंधन 14,775 रुपये को छोड़ संबंधित कोर्स की शेष फीस जमा करने के लिए उन पर दबाव डालता है। परेशान छात्र-छात्राएं जब समाज कल्याण विभाग में संपर्क करते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग ने विभिन्न कालेजों की फीस निर्धारण के लिए समिति गठित नहीं की है। इसके अभाव में उन्हें शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा। इधर, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी कह देते हैं कि शुल्क प्रतिपूर्ति देना समाज कल्याण विभाग का काम है। ऐसे में हजारों छात्र इन विभागों के बीच फुटबाल बने हुए हैं। बजट में भी कमी

शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 822 करोड़ रुपये का बजट रखा था। वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसे घटाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया। बाद में इसमें भी 20 फीसद की और कमी कर दी गई। इस तरह से यह बजट सिर्फ 400 करोड़ रुपये का ही रह गया। आवेदकों की संख्या के सापेक्ष यह धनराशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 149 करोड़ रुपये का बजट सिर्फ शुल्क प्रतिपूर्ति के मद में रखा गया था। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 190 करोड़ रुपये का बजट रखा गया, मगर इस बार इस बजट में शुल्क प्रतिपूर्ति के साथ ही इसमें छात्रवृत्ति का भी बजट जोड़ दिया गया।

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