इसी सत्र से शुरू होंगे अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभाग

विद्या परिषद की आनलाइन बैठक में लिया गया फैसला शिक्षकों के पदों को किया जाएगा समायोजित नहीं होंगी मौखिक परीक्षाएं उपमुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिए निर्देश

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:30 PM (IST)
इसी सत्र से शुरू होंगे अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभाग
इसी सत्र से शुरू होंगे अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभाग

आगरा, जागरण संवाददाता । डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान में इसी सत्र से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभाग की शुरुआत होगी। यह फैसला विद्या परिषद की आनलाइन बैठक में लिया गया।

बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने की। उन्होंने बताया कि समाज विज्ञान संस्थान के अध्यादेश में स्पष्ट रूप से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभाग का प्रावधान है, यह किन्ही कारणों से अब तक प्रारंभ नहीं हो सके थे। विद्या परिषद के सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया कि इसी सत्र से यह दोनों विभाग प्रारंभ कर दिए जाएं। इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया कि समाज विज्ञान संस्थान के वर्तमान विभागों में रिक्त पदों में से एक प्रोफेसर का, दो एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर प्रत्येक विभाग में अलग-अलग समायोजित किए जाएंगे। इस प्रकार दोनों विभागों को प्रोफेसर का एक पद, एसोसिएट प्रोफेसर के दो पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पद अलग-अलग मिल जाएंगे, जिससे इन विभागों के संचालन में सुविधा होगी।

एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया कि शासन और राजभवन से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में शीघ्र ही स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। नियुक्तियों से पूर्व विभिन्न विभागों व संस्थानों में पदों का समायोजन छात्र संख्या के सापेक्ष किया जाएगा, जिससे विश्वविद्यालय के धन का अपव्यय नहीं होगा। यह स्थिति जानने के लिए सभी विभागों से पिछले पांच सालों में प्रवेशित छात्रों की संख्या पूछी गई है। 15 अगस्त तक हो जाएंगी परीक्षाएं

10 जून को हुई परीक्षा समिति की बैठक की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया। परीक्षाएं कोविड-19 प्रोटोकाल के अंतर्गत होंगी। परीक्षाएं यथासंभव जुलाई के तीसरे सप्ताह से प्रारंभ करा दी जाएंगी और 15 अगस्त तक संपन्न करा ली जाएंगी। गुरुवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कुलपतियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई बैठक में भी परीक्षा संबंधी निर्देश दिए हैं। अब किसी भी प्रकार की मौखिक परीक्षा अथवा वायवा नहीं होगा। स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों के प्रैक्टिकल या मौखिक परीक्षा के अंक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। प्रवेश समिति की संस्तुतियों को दिया अनुमोदन

विगत 17 जून को हुई प्रवेश समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया। फैसला लिया गया कि प्रत्येक महाविद्यालय अपनी विवरण पुस्तिका छपवाएगा, जिसका अधिकतम मूल्य 250 रुपये होगा। एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में जाने पर 90 फीसद शुल्क वापसी होगी। यह रहे उपस्थित

कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र, परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार, वित्त अधिकारी एके सिंह, प्रो. यूसी शर्मा, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो. पीके सिंह, प्रो. विनीता सिंह, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो.वीके सारस्वत, प्रो. लवकुश मिश्रा, प्रो. मोहम्मद अरशद, प्रो. बीपी सिंह, डा. हेम प्रकाश, डा. प्रीति जौहरी और सहायक कुलसचिव ममता सिंह।

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