Lockdown by Yourself: आगरा में सफल साप्ताहिक बंदी के बाद उठी स्वैच्छिक बाजार बंद रखने की मांग
इंटरनेट मीडिया पर बाजार संगठनों व पदाधिकारियों की तरफ हो रही अपील। सर्राफा कमेटियों ने सोमवार व ज्वैलर्स एसोसिएशन ने की दो दिन की स्वैच्छिक की बंदी घोषणा। दूसरे व्यापारी भी इस दिशा में हो रहे प्रेरित। अर्थव्यवस्था सेे ज्यादा जरूरी है जीवन का बचे रहना।
आगरा, जागरण संवाददाता। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और अस्पतालों के सीमित संसाधनों की स्थिति देख लोगों को समझ आने लगा है कि फिलहाल घर पर रहना है सुरक्षित रहने का कारगर तरीका है। इसलिए रविवार को एक दिन की साप्ताहिक बंदी से प्रभावित होकर इंटरनेट मीडिया पर कई संस्थाओं व बाजार कमेटियों ने एक से दो दिन की स्वैच्छिक बाजार बंदी की घोषणा की है।
शुरुआत सर्राफा कमेटियों ने सोमवार को बाजार बंदी के आह्वान से की है।रविवार की साप्ताहिक बंदी खत्म होने के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर इसके समर्थन में संदेश वायरल होने लगे। इन्हें देखते हुए सर्राफा कमेटी, आगरा सर्राफा एसोसिएशन, सर्राफा मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, कश्मीरी बाजार कमेटी, किनारी बाजार कमेटी व अन्य कमेटियों ने स्वैच्छिक बाजार बंदी में अपनी सहभागिता निभाते हुए सोमवार को भी स्वेच्छा से बाजार बंद रखने का निर्णय लिया। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके।
दो दिन की रखेंगे बंदी
लक्ष्मनदास ज्वैलर्स के राजेश हेमदेव ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना संक्रमण पिछले साल से ज्यादा प्रभावी है। इसलिए ज्वैलर्स एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने फैसला लिया है कि हम अपने प्रतिष्ठानों को दो दिन यानि 19 और 20 अप्रैल तक बंद रखेंगे।ताकि अपने और अपनों के परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।
इंटरनेट मीडिया पर हो रही अपील
स्वैच्छिक बाजार बंदी के लिए इंटरनेट मीडिया पर रविवार शाम से ही संदेश वायरल होना शुरू हो गए। पूर्व चैंबर अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने मैसेज डालकर लोगों से अपील की कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए मार्केट को एक सप्ताह के लिए बंद करना क्या उचित नहीं रहेगा? प्रिय का जाना बहुत कष्ट देता है। विचार करें, कृपया मीडिया के लोग संस्थाओं से बात करके मदद करें, लोगों की जान बच सकती है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनका कहना था कि बाजार बंदी से कुछ नहीं होगा, चाहें एक दिन करो या सालभर, लोगों को स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, मास्क और शारीरिक दूरी को लेकर सख्ती बरतनी होगी।
कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है और हालात जिस तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे है, सरकार और प्रशासन को तुरंत लॉकडाउन लगा देना चाहिये। पिछले अनुभव के मद्देनजर सरकार अर्थव्यवस्था खराब होने के डर से लाकडाउन लगाने से शायद कतरा रही है, लेकिन बाजार पूरी तरह से ठप हो गये हैं, लोग corona के भय से बहुत कम बाहर निकल रहे हैं और बहुत जरूरत का ही सामान खरीद रहे हैं। पब्लिक को फिर से लॉकडाउन का अंदेशा है जिसके चलते लोग अपना पैसा बचा कर चल रहे हैं! बिक्री हैं नहीं लेकिन लोगों को मजबूरी में दुकानें खोलनी पड रही है! ज्यादातर लोगों का भी कहना है कि कमाई है नहीं व्यापार पर बैठने पर कोरोना बिमारी का खतरा बढ़ जाता है। ना ही जान की सुरक्षा हो पा रही है ना ही कमाई हो रही है, इससे अच्छा है कि सरकार लॉकडाउन घोषित कर दे।
शिशिर भगत
अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ इंडिया व्यपार मंडल