Petha Industry: डिमांड बढ़ी, लेकिन आई नहीं पेठा कारोबार में पहले जैसी बात
Petha Industry कोरोना संक्रमण काल में पटरी से उतरा आगरा का पेठा कारोबार। ताजमहल खुलने और दीवाली का त्योहार आने से मांग बढ़ने की उम्मीद। लॉकडाउन में पेठा कारोबारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। पर्यटक आएंगे तो पेठा कारोबार भी पहले की तरह पकडे़गा रफ्तार।
आगरा, गौरव भारद्वाज। कोरोना काल में ताजनगरी की खास मिठाई पेठा का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। चासनी में डूबा अलग-अलग तरह का पेठा तैयार किया जा रहा है। ताजमहल सहित अन्य स्मारक खुलने से पेठा की मांग में थोड़ा फर्क अाया है, लेकिन अभी पहले जैसी बात नहीं है। पेठा कारोबारियों का कहना है कि पहले जैसे पर्यटक आएंगे तो पेठा कारोबार भी पहले की तरह पकडे़गा रफ्तार।
कोरोना संक्रमण से पहले आगरा आने वाला कोई पर्यटक होगा जो यहां से पेठा खरीदकर न ले जाता हो। ऐसे में एक दिन में कई टन पेठे की खपत होती थी। मगर, कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू हुआ और इसमें पर्यटन स्थल भी बंद हो गए। इस कारण पेठा उद्योग भी बंद हो गया। अनलॉक के बाद पेठा इकाइयां तो खुल गई थीं, लेकिन पेठा कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ सका था। इसका कारण ताजमहल और अन्य स्मारकों का बंद होना था। स्मारक न खुलने से पर्यटक नहीं आ रहे थे। बाजार से कोई डिमांड नहीं आ रही थी। पेठा कारोबारी सोनू मित्तल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पहले कोरोना संक्रमण काल में पेठा कारोबार की स्थिति खराब हो गई। लॉकडाउन में पेठा कारोबारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। अनलाक में भी अभी व्यापार पटरी पर नहीं आ पाया है।
अभी लगेगा समय
भगत सिंह पेठा कुटीर उद्योग के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि डिमांड न होने के कारण बहुत सी इकाइयों में दोबारा से काम बंद हो गया था। पेठा की सबसे ज्यादा खपत पर्यटकों द्वारा ही होती है। अब ताजमहल और अन्य स्मारक खुल गए हैं। हालांकि अभी पर्यटकों की संख्या सीमित है, लेकिन स्मारक खुलने से थोड़ी डिमांड बढ़ी है। पहले की तरह स्थिति होने में अभी तीन-चार माह लग सकते हैं। धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
बढ़ रही पेठे की वैरायटी
पेठा कारोबारियों ने बताया कि गर्मियों में पेठे की बहुत डिमांड होती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते लोग बाहर का सामान लेने से कतरा रहे हैं। इसी का असर पेठे पर भी पड़ा है। नूरी दरवाजा में करीब 20 से 25 तरह का पेठा बनता है। ताजमहल खुलने से पहले केवल सात-आठ तरह का पेठा बन रहा था, लेकिन अब पर्यटकों के आने के चलते वैरायटी बढ़ाई जा रही हैं।