Oxygen at Home: नर्सरियों में बढ़ी अच्छे पौधों की मांग, प्रकृति के करीब आए लोग
कोरोना काल में आक्सीजन की हुई किल्लत से जागरूक हुए लोग। नर्सरियों में ऑक्सीजन ज्यादा देने वाले पौधों की मांग में हुई 40 फीसद की वृद्धि। जिनके पास खुली जगह है वे बरगद पीपल नीम आदि पौधे भी खरीद रहे हैं। आनलाइन भी पौधे मंगवाए जा रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन को लेकर हुई मारामारी में लोगों को इसका महत्व समझ आ गया है। लोग प्रकृति से ज्यादा जुड़ गए हैं। ताजनगरी में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अपने घरों व घरों के आसपास पौधे लगाकर प्राकृतिक आक्सीजन जोन तैयार किया है। नर्सरियों में ऐसे पौधों की मांग ज्यादा बढ़ गई है, जो घर के अंदर की हवा को स्वच्छ बनाते हुए आक्सीजन ज्यादा उत्पन्न करते हों।
इन इंडोर पौधों की बढ़ी मांग
स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, मनी प्लांट, एलोवेरा, सिगोनियम, गुड़हल फर्न, जेड प्लांट, बोगनविलिया, ड्राइसीना, ऐरेका पाम, क्रोटोन, चायनीज पाम, ड्रेकेना फ्रेग्रेंस, इंग्लिश इवी, लेडी पाम, पाथीफाइलम, बोस्टन फर्न, वीपिग फिग आदि। इसके अलावा जिनके पास खुली जगह है, वे बरगद, पीपल, नीम आदि पौधे भी खरीद रहे हैं। यही नहीं, आनलाइन भी यह पौधे मंगवाए जा रहे हैं।
बड़े पेड़ों को दे रहे बोनसाई का रूप
अब लोग सांसों की सलामती के लिए 24 घंटे आक्सीजन उगलने वाले पेड़ों के लिए पौधों की मांग कर रहे हैं। शहर की नर्सरियों में 24 घंटे आक्सीजन उगलने वाले पौधे पीपल, नीम, बरगद, पाखड़ सहित अन्य पौधों की मांग बढ़ गई है, लेकिन यह पौधे जमीन में लगाए जाते हैं क्योंकि इनका फैलाव ज्यादा होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग अपने घरों में इनके बोनसाई तैयार कर रहे हैं। बल्केश्वर में रहने वाली रितु गोयल ने इस साल गमले में बरगद का पेड़ लगाया है। इसे इंटरनेट मीडिया पर वीडियो देखकर बोनसाई के रूप में विकसित करना चाहती हैं।
सरकारी नर्सरियों में भी है इनकी मांग
वन विभाग की 23 सरकारी नर्सरियां हैं, इनमें भी सबसे अधिक पीपल, नीम, बरगद, पाखड़, अशोक के पौधों की मांग है। जानकारों के अनुसार पीपल के पेड़ 24 घंटा, बरगद और नीम के पेड़ करीब 18 से 19 घंटे आक्सीजन देती है। शहर के प्राइवेट नर्सरी संचालकों ने भी इस साल पीपल, बरगद और नीम की पौध तैयार की है। नर्सरी संचालक मुश्ताक ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ऑक्सीजन ज्यादा देने वाले पौधों की मांग 40 फीसद बढ़ गई है। रोजना 25 से 30 पौधे बिक रहे हैं। जबकि पहले यही पौधे पांच से छह ही बिकते थे।
बरसात के दिनों में पर्यावरण संरक्षण के लिए पीपल, नीम, बरगद के पौधे अधिक से अधिक संख्या में रोपित करने चाहिए। यह पौधे अन्य पौधों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। - अनिल गोयल, पर्यावरणविद
हमारी संस्था दैनिक जागरण के अभियान आओ रोपें अच्छे पौधे का पूरा सहयोग करेगी। हमारी संस्था के सदस्य अपने घरों व कालोनियों में पौधे रोपित करेंगे। प्रकृति को बचाने और उसमें संतुलन बनाने की जिम्मेदारी हमारी ही है। - नोनिता खुराना, आत्मनिर्भर एक प्रयास सोसायटी