LPG Gas Cylinder: आगरा में बिना डीएसी के जमकर हो रही एलपीजी सिलिंडर की डिलीवरी

LPG Gas Cylinder गैस की कालाबजारी रोकने के लिए किए जा रहे हैं प्रयास। जिले में 9.73 लाख उपभोक्ता हैं जिनको 84 एजेंसी सिलिंडर उपलब्ध कराती हैं। इसमें आइओसी एचपीसी बीपीसी सम्मिलित हैं। उपभोक्ताओं की गैस की कालाबजारी रोकने के लिए अक्टूबर 2020 से डीएसी की अनिवार्यता कर दी है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 01:49 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 01:49 PM (IST)
LPG Gas Cylinder: आगरा में बिना डीएसी के जमकर हो रही एलपीजी सिलिंडर की डिलीवरी
कालाबाजारी रोकने वाले नियमों की हो रही अनदेखी। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। इसे लापरवाही कहें या नियमों की अनदेखी कर काला बाजारी करने का खेल। जिस नियम को मंत्रालय ने अनिवार्य किया उसी नियम की स्थानीय स्तर पर जमकर अनदेखी हो रही है। एलपीजी सिलिंडर लेने के लिए डिलीवरी आथेनटिकेशन कोड (डीएसी) देना अनिवार्य हो गया है। गैस डिलीवरी के लिए कैश मीमो जारी होते समय उपभोक्ता के पंजीकृत नंबर पर ये कोड पहुंचता है। कोड को सिलिंडर डिलीवरी के वक्त हाकर को उपलब्ध कराना होता है। हाकर और एजेंसी स्वामी की लापरवाही से पारदर्शिता की इस प्रक्रिया में मुश्किल आ रही है।

जिले में 9.73 लाख उपभोक्ता हैं, जिनको 84 एजेंसी सिलिंडर उपलब्ध कराती हैं। इसमें आइओसी, एचपीसी, बीपीसी सम्मिलित हैं। उपभोक्ताओं की गैस की कालाबजारी नहीं हो सके इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने व्यवस्था को फूल प्रूफ बनाने के लिए अक्टूबर 2020 से डीएसी की अनिवार्यता कर दी है। गैस बुक कराने से लेकर डिलीवरी होने तक उपभोक्ता के मोबाइल पर निरंतर मैसेज आते हैं। कैश मीमो जारी होते वक्त आने वाला नंबर डीएसी कहलाता है। ये नंबर उपभोक्ता के पंजीकृत नंबर पर जाता है, लेकिन डिलीवरी मैन इसे नहीं मांग रहे हैं। आल इंडिया इंडेन डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन आगरा संभाग अध्यक्ष विपुल पुरोहित ने बताया कि कुछ उपभोक्ता के पास डिलीवरी के समय वह मोबाइल नंबर नहीं होता है, जिससे मुश्किल आती है। कुछ के मैसेज बाक्स फिल होने के कारण वे डीएसी नंबर नहीं दे पा रहे थे। फिलहाल संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इसका अनिवार्य रूप से पालन नहीं कराया जा रहा है।

ये है आंकडा

जिले में कुल कनेक्शन, 9.73 लाख

जिले में कुल एजेंसी, 84 

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