Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय उठाएगा सख्त कदम, नकलची छात्रों की डिग्री हो सकती है निरस्त

Ambedkar University Agra केंद्राध्यक्ष ने परीक्षा नियंत्रक को सौंपी रिपोर्ट। यूएफएम कमेटी के सामने रखा जाएगा मामला। कमेटी के अनुमोदन पर कार्य परिषद की बैठक में लिया जाएगा फैसला। नकलचियों ने भी स्वीकार किया था कि वे नकल कर रहे थे इसके बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:17 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:17 PM (IST)
Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय उठाएगा सख्त कदम, नकलची छात्रों की डिग्री हो सकती है निरस्त
एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल(पार्ट-वन) के 10 नकलचियों की डिग्री निरस्त हो सकती है।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर सि्थत फार्मेसी विभाग में नेत्र विज्ञान की परीक्षा में नकल करते पकड़े गए एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल(पार्ट-वन) के 10 नकलचियों की डिग्री निरस्त हो सकती है।विश्वविद्यालय के नियमानुसार यह मामला अनफेयर मींस यानी यूएफएम कमेटी के सामने रखा जाएगा। इस कमेटी का जो भी अनुमोदन होगा, उस पर कार्य परिषद की बैठक में फैसला लिया जाएगा।

परीक्षा नियंत्रक को सौंप दी है रिपोर्ट

पकड़े गए नकलचियों की कापियां, उनसे मिले ब्लूटुथ उपकरण, सिम कार्ड, इयरपोड आदि भी केंद्राध्यक्ष प्रो. वीके सारस्वत द्वारा परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार को सौंप दी गई है। नकलचियों ने भी स्वीकार किया था कि वे नकल कर रहे थे, इसके बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया था।

यूएफएम कमेटी लेगी फैसला

नकलचियों का पूरा ब्यौरा यूएफएम कमेटी के सामने रखा जाएगा।कमेटी के अनुमोदन पर इसी हफ्ते होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में फैसला लिया जाएगा।इन छात्रों की डिग्री निरस्त भी की जा सकती है।भविष्य में यह छात्र परीक्षा देंगे या नहीं यह फैसला अब न्यायिक स्तर पर लिया जाएगा।

नहीं बरती जाएगी नरमी

विश्वविद्यालय की साख के साथ खेलने का अधिकार किसी छात्र को नहीं है।इन छात्रों के साथ बिल्कुल भी नरमी नहीं बरती जाएगी। हमें एक उदाहरण प्रस्तुत करना है, इसलिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।यह कहना है चीफ प्रोक्टर प्रो. मनोज श्रीवास्तव का।प्रो. श्रीवास्तव की तहरीर पर ही छात्रों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।प्रो. श्रीवास्तव का कहना है कि यह छात्र ही भविष्य में धरती के भगवान कहलाएंगे। अगर नकल कर यह भविष्य बनाना चाहते तो पूरे समाज के साथ ही खुद को भी धोखा दे रहे हैं।विश्वविद्यालय यह बर्दाश्त नहीं करेगा।इन छात्रों की डिग्री ही निरस्त होनी चाहिए। 

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