Punishment in POCSO: फीरोजाबाद में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा
पोक्सो एक्ट में दर्ज हुआ था मुकदमा। दो साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला। बालिका के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर खंडहर में छुपाई गई थी लाश। शनिवार को अदालत ने फैसला सुनाने के बाद मुजरिम को भेजा दोबारा जेल।
आगरा, जेएनएन। फीरोजाबाद में 11 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दो साल बाद अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया। आरोपित को सिद्धदोष करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। फैसले के बाद मुजरिम को दोबारा जेल भेज दिया गया है।
घटनाक्रम के मुताबिक शहर के लाइन पार के संतनगर निवासी 11 वर्षीय बालिका 25 अप्रैल 2019 को गायब हो गई थी। तलाश करने पर पता चला कि बालिका को पड़ोस में किराए पर रहने वाला वीरेंद्र बघेल के साथ देखा गया था। के बाद पता न चलने पर मां ने मुकदमा दर्ज कराया। दो दिन बाद बसई मुहम्मदपुर थाना क्षेत्र में लाश बरामद हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई। नामजद कराए गए आरोपति वीरेंद्र बघेल को पुलिस ने गिरफ्तार के जेल भेज दिया। पुलिस ने विवेचना में तेजी दिखाई और तीन महीने बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया।
शनिवार को पोक्सो कोर्ट न्यायधीश अरविंद यादव ने घटना को जघन्यतम करार देते हुए दोषी वीरेंद्र बघेल को सजा के मौत का आदेश सुनाया। कोर्ट ने पुलिस की पैरवी की सराहना भी की।
पहले भी हो चुकी है पाक्सो मामले में फांसी की सजा
नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा का दूसरा मामला है। इससे पहले सिरसागंज थाना क्षेत्र के मामले में दिसम्बर 2020 को दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि इस मामले में हाइकोर्ट में अपील लंबित है।