सरकारी आंकड़ों में डेंगू से सिर्फ एक ही मौत

बुखार और डेंगू से अब तक कई लोगों की जा चुकी है जान सरकारी आंकड़ों की मानें तो जिले में बुजुर्ग महिला की ही डेंगू से हुई मौत

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:53 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:53 PM (IST)
सरकारी आंकड़ों में डेंगू से सिर्फ एक ही मौत
सरकारी आंकड़ों में डेंगू से सिर्फ एक ही मौत

जागरण संवाददाता, आगरा: बुखार और डेंगू युवाओं की जान ले रहा है। मगर, कोरोना की तरह से सरकारी आंकड़ों में डेंगू से मौत दर्ज नहीं हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार अभी तक 70 साल की बुजुर्ग महिला की ही डेंगू से मौत हुई है।

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की बड़ी संख्या में मौत हुई। मगर, कुछ मरीजों की जांच नहीं हो सकी, कई मरीजों की मौत के बाद रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके चलते रिकार्ड में पहली और दूसरी लहर में 458 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत ही दर्ज है। अब डेंगू के डेन टू स्ट्रेन से संक्रमण फैल रहा है। डेन टू स्ट्रेन में तीन दिन तक बुखार आने के बाद चौथे से छठवें दिन के बीच अचानक से तबीयत बिगड़ रही है। बेहोशी, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत के साथ मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। यहां रैपिड टेस्ट से जांच में डेंगू की पुष्टि और प्लेटलेटस काउंट कम मिल रहे हैं। 12 से 24 घंटे के बीच में मौत हो रही है। वहीं, देहात में बुखार आने पर मरीजों की जांच नहीं कराई जा रही है। तीन से चार दिन बाद बच्चों की मौत हो रही है। इनकी जांच नहीं हो रही है, इसलिए मौत कैसे हुई यह पता नहीं चल रहा है।

उधर, बुखार और डेंगू से मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम डेथ आडिट कर रही है। बुखार से मरने वाले 42 मरीजों का आडिट हो चुका है। टीम को डेंगू की रैपिड किट की रिपोर्ट पाजिटिव और प्लेटलेटस काउंट कम मिल रहे हैं। इन्हें डेंगू संभावित माना जा रहा है। देहात में जिन बच्चों की मौत हुई है, टीम को उनकी कोई जांच और डाक्टर का पर्चा नहीं मिला है। देहात में झोलाछाप से इलाज कराया जा रहा है।

केस वन -थाना एत्माउददौला में तैनात सिपाही सोनू 28 साल को बुखार आने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डेंगू की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर इलाज चल रहा था, मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में यह डेंगू से मौत नहीं है। केस टू -कालिदी विहार निवासी 10 साल के प्रियांशु को बुखार आ रहा था, डाक्टर से दवा ली तो वह ठीक हो गया। इसके बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई, उल्टी होने लगी। निजी अस्पताल में जांच में डेंगू की पुष्टि हुई, इलाज के दौरान मौत हो गई। यह मौत रिकार्ड में दर्ज नहीं है। बुखार से मौत की सूचना मिलने पर डेथ आडिट कराया जा रहा है। 42 डेथ आडिट हो चुके हैं, निजी लैब की रेपिड टेस्ट की रिपोर्ट को डेंगू संभावित माना जाता है। एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर ही डेंगू की पुष्टि होती है। जिनकी मौत हुई है, उनमें से किसी की भी डेंगू एलाइजा की रिपोर्ट पाजिटिव नहीं मिली है।

डा. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ गाइड लाइन के अनुसार, डेंगू की जांच बुखार आने के 24 घंटे के बाद से पांच दिन तक एलाइजा टेस्ट से एनएस 1 की जांच की जाती है, पांच दिन से ज्यादा का बुखार है तो एलाइजा टेस्ट से आइजीएम की जांच की जाती है। इसकी रिपोर्ट पाजिटिव आने पर ही डेंगू की पुष्टि होती है।

डा. अंकुर गोयल, माइक्रोबायोलाजिस्ट

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