आगरा में पुलिस हिरासत में मौत, मामले में बढ़ेगी एससी-एसटी एक्ट की धारा
जगदीशपुरा थाने के मालखाने में चोरी के मामले में हुई थी सफाई कर्मचारी अरुण की मृत्यु। शुरुआती तौर पर हत्या की धारा में दर्ज हुआ था मुकदमा कासगंज के ढोलना थाना प्रभारी को मिली है विवेचना। आखिरी समय कस्टडी के लिए पांच पुलिसकर्मियों के नाम हैं दर्ज।
आगरा, जागरण संवाददाता। हिरासत में मौत के मामले की विवेचना अब कासगंज पुलिस करेगी। रविवार को मुकदमे की विवेचना एसपी कासगंज ने ढोलना थाने के प्रभारी को सौंप दी है। जल्द ही वे घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। इसमें एससी-एसटी एक्ट की धारा भी बढ़ेगी। इसके बाद एक बार फिर विवेचना सीओ स्तर के अधिकारी को दी जाएगी।
जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चोरी के मामले में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लोहामंडी निवासी अरुण की मौत के मामले में जगदीशपुरा थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की विवेचना कासगंज जिले में स्थानांतरित की गई है। रविवार को एसपी कासगंज ने इसके लिए विवेचक तय कर दिए। एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि ढाेलना थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह को विवेचना आवंटित की गई है। जगदीशपुरा थाने में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें किसी का नाम नहीं खोला गया है। मुकदमे में अभी एससी/एसटी एक्ट की धारा बढ़ेगी। इसके बढ़ने के बाद विवेचना सीओ स्तर के अधिकारी को दी जाएगी। इससे स्पष्ट है कि अभी इसमें विवेचक बदले जाएंगे। अरुण के स्वजन भी आरोप लगा रहे हैं।
पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस सकती है
अरुण की हिरासत में मौत के बाद इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही, एसआइ योगेंद्र, सिपाही महेंद्र, सत्यम और रुपेश को निलंबित किया गया था। आखिरी कस्टडी इन पांचों पुलिस कर्मियों की दिखाई गई है। जीडी में इन पुलिसकर्मियों की अरुण को उसके घर ले जाने के लिए रवानगी है। जांच में नाम खुले तो सबसे पहले इन्हीं पुलिसकर्मियों के नाम खोले जाएंगे। लिखापढ़ी में आखिरी कस्टडी इन पांचों के पास थी। जिसके पास आखिरी कस्टडी होती है हिरासत में मौत के लिए उसे ही जिम्मेदार माना जाता है। आरोपित को ही यह साबित करना होगा कि उनके कारण जान नहीं गई है। भले ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हृदयघात बताया गया है। मगर, अभी पुलिसकर्मियों को लंबी जांच का सामना करना पड़ेगा।