आगरा में 25 दिन बाद खंडहर घर में फंदे से लटका मिला युवक का शव, ग्रामीणों ने पुलिस को घेरा
दारोगा ने प्रधान के घर में बंद होकर बचाई जान हाथ जोड़कर भीड़ को शांत करने की कोशिश की। दो सिपाही मौके से भाग गए।कई थानों के पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे अधिकारी पुलिस की लापरवाही पर आक्रोशित हैं ग्रामीण।
आगरा, जागरण संवाददाता। 25 दिन पहले लापता हुए युवक का शव सोमवार सुबह खंडहर घर में फंदे से लटका मिल गया। स्वजन हत्या की आशंका जता रहे हैं। उनका आरोप है कि किसी ने हत्या कर उसका शव फंदे से लटका दिया है। पुलिस द्वारा मामले को गंभीरता से न लिए जाने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। सोमवार को पुलिसकर्मी गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। दो सिपाही मौके से भाग गए। दारोगा ने ग्राम प्रधान के घर में घुसकर जान बचाई। प्रथम तल पर खड़े होकर ग्रामीणों के हाथ जोड़ते हुए दारोगा का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अछनेरा के मई गांव निवासी 20 वर्षीय गोविंद पुत्र शंकर सिंह एक जनवरी को सुबह पांच बजे दौड़ लगाने को घर से निकला था। इसके बाद वह वापस नहीं आया। स्वजन ने काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। उन्होंने दो जनवरी को अछनेरा थाने में गुमशुदगी लिखाई थी। पुलिस से कई बार तलाश को कहा, लेकिन पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किए। युवक के मोबाइल की अंतिम लोकेशन किरावली आ रही थी। उसका मोबाइल भी पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी। सोमवार सुबह आठ बजे गोविंद की मां प्रेम देवी रोजाना की तरह अपने पुराने खंडहर घर में उपले बनाने को गई थीं। कमरे से बदबू आ रही थी। उन्हें शक हुआ। शोर मचाने पर आसपास के लाेग पहुंच गए। उन्होंने दरवाजा खोला तो उसमें गोविंद का शव फंदे पर लटका मिल गया। अपने ही खंडहर घर में 25 दिन बाद गोविंद का शव मिलने पर ग्रामीणों में आक्रोश था। उनका कहना था कि वे पांच और 11 जनवरी को थाने में गए थे। मगर, वहां मिले एसआइ सोबरन सिंह ने उन्हें भगा दिया। उनसे ठीक से बात तक नहीं की। मोबाइल की लोकेशन किरावली में आ रही थी, लेकिन पुलिस उसे भी ढूंढ़ नहीं पाई। गोविंद की हत्या कर खुदकुशी दर्शाने को उनके घर में शव फंदे से लटका दिया गया हैं। क्योंकि इस घर में राेजाना गोविंद की मां उपले बनाने जाती थीं। उनको पहले कोई बदबू नहीं आई। शव मिलने की जानकारी होने पर अछनेरा थाने के एसआइ अनुज बालियान दो सिपाहियों के साथ सोमवार सुबह गांव में पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा लिया। दोनों सिपाही गाड़ी लेकर भाग गए। दारोगा ने ग्राम प्रधान के घर में अंदर से बंद होकर जान बचाई। सूचना मिलते ही सर्किल के पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दारोगा को घर से बाहर निकाला। अभी ग्रामीणों का आक्रोश शांत नहीं हुआ है। उनका कहना है कि पुलिस की लापरवाही से गोविंद की हत्या हुई है।