कोरोना काल में टूटेगी दशहरा शोभायात्रा की परंपरा

जटपुरा स्थित श्रीराम मंदिर से निकाली जाती है शोभायात्रा मंदिर में केवल पूजा-पाठ और सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:01 AM (IST)
कोरोना काल में टूटेगी दशहरा शोभायात्रा की परंपरा
कोरोना काल में टूटेगी दशहरा शोभायात्रा की परंपरा

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में ताजनगरी में करीब 400 वर्ष पुरानी परंपरा टूटने जा रही है। इस बार जटपुरा स्थित प्राचीन श्रीराम मंदिर से दशहरा की शाम को शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी। मंदिर में केवल पूजा-पाठ किया जाएगा।

जटपुरा में प्राचीन श्रीराम मंदिर है। इस मंदिर से मुगल काल से ही दशहरा की शाम शोभायात्रा निकाली जाती रही है। शुरुआत में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के स्वरूपों को कंधों पर बैठाकर शोभायात्रा निकाली जाती थी। धीरे-धीरे समय के साथ इसमें परिवर्तन आया। बैलगाड़ी, तांगे, रिक्शों से होते हुए गाड़ियों तक यह सिलसिला पहुंच चुका है। शोभायात्रा जटपुरा स्थित श्रीराम मंदिर से शुरू होकर न्यू राजा मंडी कॉलोनी, तोता का ताल, आलमगंज, लोहामंडी, राजामंडी होते हुए सेंट जोंस चौराहा पहुंचती है। जहां रावण दहन के बाद भरत मिलाप होता है। शोभायात्रा का आकर्षण भगवान राम और रावण की सेना के बीच युद्ध होता है। रास्ते में कलाकार युद्ध करते हुए चलते हैं। इस बार जहां कोरोना काल में शहर में रामलीला का मंचन नहीं हो सका है, वहीं दशहरा शोभायात्रा भी नहीं निकाली जा रही है। परंपरा निभाने को केवल मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी।

दशहरा शोभायात्रा आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने बताया कि दशहरा शोभायात्रा मुगलकालीन है। इस बार कोरोना काल में दशहरा शोभायात्रा का आयोजन संभव नहीं है। इसलिए मंदिर में भगवान श्रीराम का श्रृंगार, पूजा-पाठ और सुंदरकांड का पाठ शोभायात्रा आयोजन समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों की मौजूदगी में किया जाएगा।

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