Cyber Crime: छह हजार क्रेडिट कार्ड धारकों से ठगी की तैयारी कर रहे थे शातिर
Cyber Crime डायरी और पेपरों पर मिला क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा। शातिरों से बरामद मोबाइल और लैपटाप की जांच करेगी पुलिस। फरीदाबाद और दिल्ली के ये शातिर पांच वर्ष से ठगी का धंधा कर रहे थे। मगर अभी तक वे पकड़ में नहीं आए थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों से ठगी करने वाले शातिरों ने ठगी को बड़ा जाल बिछाया था। एनसीआर में रहकर वे कई राज्यों के लोगों को शिकार बना रहे थे। अब उन्होंने छह हजार क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा खरीद लिया था। इनमें से कुछ को वे शिकार बना चुके हैं। अब वे सभी से ठगी की तैयारी कर रहे थे। एसटीएफ और आगरा पुलिस ने सरगना समेत चार को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा बरामद कर लिया है। शातिरों के मोबाइल और लैपटाप की भी पुलिस जांच कर रही है।
फरीदाबाद और दिल्ली के ये शातिर पांच वर्ष से ठगी का धंधा कर रहे थे। मगर, अभी तक वे पकड़ में नहीं आए थे। काल सेंटर में काम करने वाली मोनिका से 35 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से ये डाटा लेते थे। इसके बाद वे संबंधित क्रेडिट कार्ड धारक को काल करके जाल में फंसा लेते थे। क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने का झांसा देकर वे उसकी डिटेल जानते थे। इसके बाद अपनी ई कामर्स कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर कर लेते थे। आस मोहम्मद उर्फ आशु की ई कामर्स कंपनी में 280 कार्ड धारकों के करीब 70 लाख रुपये पांच वर्ष में ट्रांसफर हुए। जबकि सौरभ भारद्वाज की ई कामर्स कंपनी में 144 क्रेडिट कार्ड धारकों के 30 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं। इस तरह पांच वर्ष में शातिरों की केवल दो कंपनियों के खाते में ही एक करोड़ रुपये ठगी से आ चुके हैं। अब पुलिस शातिरों से बरामद लैपटाप और 14 मोबाइल की जांच करेगी। इसमें देखा जाएगा कि शातिरों का नेटवर्क कहां-कहां तक है। इनसे बैंक के कौन कर्मचारी मिले हैं? शातिरों की और कौन सी कंपनियां हैं, जिनका वे ठगी में इस्तेमाल करते हैं।
ये हुए हैं गिरफ्तार
फरीदाबाद के सेक्टर 91 में सूर्य नगर फेस-1 निवासी सौरभ भारद्वाज। यह मूल रूप से बिहार के भागलपुर का रहने वाला है। फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कालाेनी निवासी आस मोहम्मद उर्फ आशु। यह मूल रूप से संगम विहार नई दिल्ली का रहने वाला है। संगम विहार नई दिल्ली निवासी लखन गुप्ता और शिवम गुप्ता।