लेखपाल ने घर बैठे ही कर लिया नुकसान का आकलन
ग्रामीण बोले फसल के नुकसान की सही रिपोर्ट नहीं दे रहे लेखपाल पुन आकलन की मांग
जागरण टीम, आगरा। बारिश से किसान की बाजरे की ही नहीं बल्कि सरसों व आलू की फसल पर भी असर डाला है, लेकिन बाह के लेखपालों को बारिश से किसानों का नुकसान नहीं दिखता। इससे किसान में रोष व्याप्त है। उनका आरोप है कि लेखपालों ने घर बैठे ही नुकसान का आकलन कर लिया।
पिछले सप्ताह में दो दिन बाह तहसील क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई। इससे किसानों के खेतों में पक कर तैयार बाजरा की फसल व कुछ की खेत में कटी पड़ी फसल सड़ गई। सरसों की फसल की बुवाई जिन किसानों ने की उन्हें अब दोबारा करनी पड़ेगी। आलू की बुवाई में भी बारिश की वजह से देरी हो गई। शासन के आदेश पर प्रशासन द्वारा किसान की फसल के नुकसान का आकलन कराया गया। ताकि उनके जख्म पर मरहम लगाया जा सके, लेकिन इस मरहम को लेखपाल छीनने का कार्य कर रहे है। लेखपालों की सर्वे रिपोर्ट चौंकाने वाली है। उनका मानना है कि बारिश से पास से 10 फीसद ही नुकसान हुआ है। जबकि किसान 50 से 60 फीसदी नुकसान बता रहे हैं। किसानों ने दोबारा सर्वे कराने की मांग की है। गांव तक नहीं पहुंचे लेखपाल
बड़गांव के किसान राम राज, नहटौली के राधाकिशन, नत्थीलाल , रामकेश, कमतरी के संजू, राजेश, शाहपुर ब्राहृमण के योगेंद्र बौहरे, बलिराम, कचौराघाट के बबलू पाठक नंद किशोर, फरैरा के शिवदास, जरार के अनिल मिश्रा आदि का कहना है कि बारिश के बाद लेखपाल नुकसान का आकलन करने गांव तक आए ही नहीं है। लेखपाल ने घर बैठे ही सर्वे कर लिया। 20 हजार में बाजरा
बाह तहसील क्षेत्र की कृषि योग्य जमीन में से करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन में बाजरा की फसल है। 30 बीघा खेत में बाजरा की फसल तैयार की थी। बारिश के कारण खेत में पानी भर गया। फसल गिर गई इससे करीब 60 फीसद नुकसान हुआ है।
राजभान सिह, किसान, बड़ागांव फसल खेत में कटी पड़ी थी। बारिश की वजह से बाजरा के दाने काले पड़ गए। करब सड़ गई। 20 बीघा फसल में 50 फीसदी नुकसान हुआ है।
श्याम सुंदर, किसान, नहटौली 25 बीघा बाजरा की पर बारिश ने पानी फेर दिया। दाना काला पड़ गया। इसकी वजह से फसल बर्बाद हो गई। सरसों बोई थी उसे भी दोबारा बोना पड़ेगा।
राधेश्याम भदौरिया, किसान खिच्चर पुरा बेमौसम बारिश के कारण बाजरे की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। सरसों व आलू की फसल की पैदावार बुवाई में देरी के कारण कम होगी।
राम सिह, किसान बड़ागांव