Self Help Groups in Agra: मिलिये आगरा की उषा देवी से, जिन्होंने अपने इस शौक को बनाया रोजगार का साधन

Self Help Groups in Agra उषा देवी को बागवानी का शौक है। छोटी-छोटी जगहों पर हरियाली विकसित कर वह अपने इस शौक को पूरा कर रही थीं। चार साल पहले उन्होंने इसी शौक को अपने रोजगार का साधन बनाया।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 08:11 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 08:11 AM (IST)
Self Help Groups in Agra: मिलिये आगरा की उषा देवी से,  जिन्होंने अपने इस शौक को बनाया रोजगार का साधन
स्वयं सहायता समूह चलाने वाली आगरा की उषा देवी।

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वयं सहायता समूह महिलाओं को न सिर्फ रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं बल्कि उनका सम्मान भी बढ़ा रहे हैं। परिवार ही नहीं, समाज में भी सिर उठाकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। परिवार की जिम्मेदारी उठाने में भी सक्षम साबित हो रही हैं। समूह से जुड़कर कुछ महिलाओं ने अपने शौक को ही रोजगार का साधन बना लिया है।

ऐसी ही एक महिला है लकावली निवासी उषा देवी। परिवार में पति और दो बेटियां हैं। थोड़ी सी पैतृक जमीन है। पूरा परिवार इसी पर निर्भर था। इसी पर फसल की पैदावर कर परिवार गुजर-बसर कर रहा था। उषा देवी भी खेती में हाथ बंटाती थीं। बढ़ती परिवार की जिम्मेदारियों के लिए आमदनी कम पड़ती जा रही थी। उषा देवी को बागवानी का शौक है। छोटी-छोटी जगहों पर हरियाली विकसित कर वह अपने इस शौक को पूरा कर रही थीं। चार साल पहले उन्होंने इसी शौक को अपने रोजगार का साधन बनाया। हरियाली नर्सरी उत्पादक समूह बनाकर उन्होंने नर्सरी का काम शुरू किया। अपने साथ-साथ क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी जोड़ा। उन्होंने अपनी नर्सरी में पौधे तैयार किए। उनका समूह अब तक 39 हजार पौधे विभिन्न ग्राम पंचायतों को दे चुका है। सरकार की ओर से आयोजित होने वाले पौधरोपण अभियानों के दौरान ये पौधे रोपे गए। उन्हें इसकी 10 रुपये प्रति पौधे की कीमत भी मिली। उषा देवी का कहना है कि उन्हें इस काम के जरिये उनका सामाजिक, मानसिक और आर्थिक विकास हुआ। वह अब परिवार की जिम्मेदारी उठाने में भी सक्षम हैं।

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