Covid: कोरोना वायरस संक्रमण को तो दे दी मात, पर अब भी उखड़ रही है सांस
आगरा में स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीजों में से लगभग 150 लोग अब भी ले रही आक्सीजन का सहारा। चार से पांच कदम चलने में उखड़ जाती है सांस तीन से चार चिकित्सक भी हैं शामिल। लो लेवल आक्सीजन सपोर्ट पर दो महीने के बाद भी हैं कई लोग।
आगरा, प्रभजोत कौर। बल्केश्वर के रहने वाले 45 वर्षीय निर्मल (काल्पनिक नाम) को अप्रैल में कोरोना हुआ था। अस्पताल में भर्ती हुए। स्वस्थ होकर मई में अपने घर भी लौट गए, पर आज भी चार से पांच कदम चलते ही उनकी सांस उखड़ने लगती हैं। आज भी वे अपने घर पर आक्सीजन लेते हैं।
केस दो- खंदारी पर रहने वाली 46 वर्षीय महिला मई मध्य में कोरोना से स्वस्थ होकर अपने घर चली गई। लगभग दो महीने हो चुके हैं पर आज भी यह महिला अपने घर से नहीं निकलती है, न ही घर के काम कर पा रही है। सांस इतनी ज्यादा चढ़ जाती है कि आक्सीजन लेनी पड़ती है।
यह दो केस उदाहरण मात्र हैं। कोरोना चायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना करने वालों में से अब भी ऐसे कई मरीज हैं, जिन्हें आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। चार से पांच कदम चलने पर ही उनकी सांस उखड़ जाती हैं। इनमें कुछ चिकित्सक भी हैं। उनके फेंफड़े कोरोना वायरस ने डैमेज कर दिए हैं।
प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार शनिवार तक आगरा में कोरोना के 25724 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 25259 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इन स्वस्थ हो चुके मरीजों में से लगभग 150 मरीज ऐसे हैं, जिनके फेंफड़े 60 से 70 फीसद तक प्रभावित हुए हैं। वे न तो घर के ही काम कर पा रहे हैं और न ही नौकरी पर जा पा रहे हैं। एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डा. अजीत चाहर ने बताया कि मरीजों का लगातार फालोअप लिया जा रहा है। इसी दौरान यह जानकारी मिली। डा. चाहर का कहना है कि कोरोना वायरस से फेंफड़ों में परिवर्तन हुआ। फेंफड़ों के ऊतकों और थैलियों को इस वायरस ने बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसीलिए सांस संबंधी परेशानियां लंबे समय तक परेशान कर रही हैं। आक्सीजन का अब भी सहारा लेने वालों में तीन से चार चिकित्सक भी हैं।
हर हफ्ते आ रहा बुखार
कई मरीज ऐसे भी हैं, जो अब तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाए हैं। उन्हें हर हफ्ते बुखार आता है। यह बुखार वायरल नहीं है। इस समस्या को झेल रहे एक शिक्षक ने बताया कि उनके परिवार में सभी कोरोना संक्रमित हुए थे। मई में नेगेटिव होने के बाद से लेकर अब तक वे स्वस्थ नहीं हैं। हर हफ्ते बुखार के अलावा थकावट, सांस चढ़ना, बाल झड़ना, सीने में दर्द जैसी समस्याएं घेरे हुई हैं।
यह समस्याएं भी कर रहीं परेशान
मानसिक भ्रम, सिरदर्द, चक्कर आना और ठीक से दिखाई न देना। कई बार गंध और स्वाद भी चला जाता है। कई लोगों के शरीर पर चकत्ते भी पड़े हैं।
नहीं आए आक्सीजन कंस्ट्रेटर वापस
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में कई सामाजिक संस्थाओं ने मरीजों को घर के लिए आक्सीजन कंस्ट्रेटर मुहैया कराए थे। एक संस्था के पदाधिकारी का कहना है कि अभी भी कई परिवारों ने आक्सीजन कंस्ट्रेटर वापस नहीं किए हैं क्योंकि लो लेवल पर आक्सीजन मरीजों को चाहिए। दिन में तीन से चार बार आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।