प्रमुख शिवालयों में होगा कोरोना गाइडलाइन का पालन

सावन में 11 सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव उपासना कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन ने की विशेष व्यवस्था

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:14 PM (IST)
प्रमुख शिवालयों में होगा कोरोना गाइडलाइन का पालन
प्रमुख शिवालयों में होगा कोरोना गाइडलाइन का पालन

आगरा, जागरण संवाददाता । भगवान शिव के प्रिय सावन की शुरुआत 25 जुलाई से हो रही है। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर शहर के प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मेले भी नहीं लगेंगे। मंदिर प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन का पालन खुद करेंगे और श्रद्धालुओं से भी कराएंगे। मंदिर प्रबंधन के 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होगा, इसे लेकर मंदिरों में विशेष इंतजाम किए गए हैं। गर्भगृह में जलाभिषेक के बजाय छह फीट दूर से जलाभिषेक की व्यवस्था की जा रही है।

शहर के चारों कोनों पर शिवालय हैं। यह राजेश्वर महादेव मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, कैलाश महादेव मंदिर और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हैं। शहर के मध्य मन:कामेश्वर मंदिर और रावली महादेव मंदिर भी खास हैं। मान्यता है कि यह सभी शिवालय शहरवासियों को विपत्तियों से मुक्ति दिलाते हैं। सावन के चारों सोमवारों को शहर के चारों कोनों पर स्थापित शिवालयों पर क्रमश: मेले लगते हैं। दूसरे सोमवार को बल्केश्वर महादेव मंदिर पर मेला लगता है और उस दिन चारों शिवालयों की परिक्रमा लगाई जाती है। इस दिन पूरा शहर शिवमय हो जाता है।

बल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत

योगेशपुरी, कैलाश महादेव मंदिर के महंत निर्मल गिरी, बल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत सुनील नागर और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया ने बताया कि कोराना की तीसरी लहर के मद्देनजर इस बार भी पिछले साल की तरह व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। प्रमुख शिवालयों के आनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन के निर्देशों के अनुसार ही पूजा-अर्चना होगी। श्रद्धालु अपने घरों पर अथवा घर के समीप मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सावन में कई विशेष योग बन रहे हैं। जुलाई से अगस्त के बीच 11 सर्वार्थ सिद्धि योग होने की वजह से इस बार सावन में शिव पूजन का विशेष महत्व है। 24, 29 और 30 जुलाई के अलावा अगस्त में 4, 6, 8, 14, 16, 20, 21 और 24 तारीख को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं 30 जुलाई को अमृत सिद्धि योग बनेगा। गूढ़ साधना, पूजा-पाठ और मंत्र सिद्धि के लिए 8 अगस्त को सुबह 5.50 बजे से 9.18 बजे तक रविपुष्य योग और 15 अगस्त को त्रिपुष्कर योग रहेगा। पहले सोमवार को धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ योग, बढ़ेगा बल और पराक्रम : महंत गौरव गिरी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार 26 जुलाई को धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है, इस योग में भगवान शिव की पूजा व जलाभिषेक करने से पराक्रम व शारीरिक बल में वृद्धि होगी और विरोधियों पर विजय प्राप्त होगी। वहीं, दूसरे सोमवार दो अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र में चंद्रमा उच्च राशि में रहेगा। इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी। तीसरे सोमवार को अश्लेषा नक्षत्र और चौथे सोमवार को अनुराधा नक्षत्र में शंकर भगवान की पूजा करने से आध्यात्मिक उन्नति होगी। 6 अगस्त को रात 12.06 से 12.48 बजे तक निशीथ काल रहेगा। इसे शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। श्रवण मास में सोमवार

पहला सोमवार- 26 जुलाई

दूसरा सोमवार- 2 अगस्त

तीसरा सोमवार- 9 अगस्त

चौथा सोमवार- 16 अगस्त

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