CoronaVirus in Agra: बदल गए हैं कोरोना के लक्षण, बेहद अहम हैं संक्रमित होने के बाद के 10 दिन

CoronaVirus in Agra संक्रमण के आठवें से 10 वें दिन घातक हो रहा कोरोना। फेफडों में संक्रमण से गिर रहा आक्सीजन का स्तर। कई अंग हो रहे प्रभावित। 14 दिन बाद संक्रमण हो रहा ठीक। आक्सीजन की नहीं होनी चाहिए कमी।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 05:48 PM (IST)
CoronaVirus in Agra: बदल गए हैं कोरोना के लक्षण, बेहद अहम हैं संक्रमित होने के बाद के 10 दिन
रेमडेसिवीर इंजेक्शन से कोरोना संक्रमित मरीजों की जान नहीं बच रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण आठवें से 10 वें दिन घातक हो रहा है। फेंफड़ों में संक्रमण के साथ ही अन्य अंग प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में देर से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की जान बचना मुश्किल हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में लक्षण बदल गए हैं। संक्रमित होने के चार से पांचवें दिन पेट दर्द, उल्टी, सिर दर्द के साथ ही बुखार आ रहा है। इन लक्षणों के आने के आठवें से 10 वें दिन के बीच में ज्यादा समस्याएं हो रही हैं। एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के डा जीवी सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद वायरस से लड़ने के लिए शरीर में साइटोकाइन रिलीज होते हैं। यह आठवें से 10 वें दिन के बीच में सबसे ज्यादा रिलीज होते हैं, इस दौरान सांस लेने में परेशानी होने लगती है। फेंफड़ों में संक्रमण बढ़ जाता है और लिवर सहित शरीर के अन्य अंग प्रभावित होने लगते हैं।

आक्सीजन का स्तर 70 से 80 के बीच में पहुंचने पर लोगों को अहसास होता है। वे अस्पताल तक पहुंचते हैं तब तक आक्सीजन का स्तर 50 से 60 के बीच में पहुंच चुका होता है। ऐसे मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है।

रेमडेसिवीर से जान नहीं बच रही, अस्पताल का समय हो रहा कम

एसएन मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डा मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि अभी तक उपलब्ध डाटा के अनुसार, रेमडेसिवीर इंजेक्शन से कोरोना संक्रमित मरीजों की जान नहीं बच रही है। जिन मरीजों में आक्सीजन का स्तर कम हो गया है, संक्रमण ज्यादा है, उनमें रेमडेसिवीर लगाया जाता है तो उन्हें ज्यादा दिन अस्पताल में नहीं रहना पड़ रहा है। इसलिए हर मरीज के लिए रेमडेसिवीर जरूरी नहीं है।

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