Home Guards Allowance: होमगार्डस का भत्ता हड़पने में आगरा में फंसे कंपनी और सहायक कंपनी कमांडर

वर्ष 2010 से 2012 के दौरान दर्जनों होमगार्डस का लाखों रुपये भत्ता कराया ट्रांसफर। मुख्यालय में शिकायत पर जांच में मिले दोषी लोहामंडी थाने में मुकदमा दर्ज। दोनों आरोपितों को विभाग से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। मुकदमे में अज्ञात बैंक कर्मी को भी आरोपित बनाया गया है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:27 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:27 AM (IST)
Home Guards Allowance: होमगार्डस का भत्ता हड़पने में आगरा में फंसे कंपनी और सहायक कंपनी कमांडर
होमगार्ड्स के भत्‍ते में हेराफेरी पर आगरा में दो के खिलाफ मुकदमा हुआ है।

आगरा, जागरण संवाददाता। दर्जनों होमगार्ड का लाखों रुपये का भत्ता हड़पने के मामले में पूर्व कंपनी कमांडर सत्यवीर सिंह व सहायक कंपनी कमांडर देवेंद्र सिंह फंस गए हैं। हाेमगार्ड मुख्यालय में शिकायत के बाद कमांडेंट ने अपनी जांच में दोनों को दोषी पाते हुए लोहामंडी में उनके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने व सरकारी धनराशि का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों आरोपितों को विभाग से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। मुकदमे में अज्ञात बैंक कर्मी को भी आरोपित बनाया गया है।

हाेमगार्डस का ड्यूटी भत्ता हड़पने का मामला वर्ष 2010 और 2012 के दौरान का है। होमगार्डस की सी-कंपनी के कमांडर सत्यवीर सिंह और सहायक कंपनी कमांडर देवेंद्र सिंह पर आरोप लगे थे। दोनों ने मंडी समिति और पुलिस लाइन में ड्यूटी देने वाले 90 से ज्यादा होमगार्ड का भत्ता हड़प लिया था। अपने खाते में यह रकम नहीं पहुंचने पर होमगार्डस ने छानबीन की तो उन्हें दोनों अधिकारियों की धोखाधड़ी का पता चला। जिसकी शिकायत तत्कालीन अधिकारियों से की गई। होमगार्डस अारोपितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत में भी गए थे। जिसके बाद विभाग ने दोनों आरोपितों को बर्खास्त कर दिया था।

इस तरह किया था खेल

ड्यूटी देने वाले होमगार्ड का भत्ता उनके खाते में ट्रांसफर करने के लिए बैंक को विवरण भेजा जाता है। जिससे कि उनके खाते में धनराशि ट्रांसफर की जा सके। कंपनी कमांडर सत्यवीर सिंह और देवेंद्र सिंह इसी में खेल करते थे। वह बैंक को भेजने वाले विवरण में होमगार्ड का नाम और खाता नंबर बदल देते थे। जिससे रकम ड्यूटी न करने वाले होमगार्डस के खातों में ट्रांसफर हो जाती थी।दोनों आरोपित जिस होमगार्डस के खाते में रकम पहुंचती, उससे संपर्क करते। कहते कि रकम धोखे से उनके खाते में आ गई है। वह रकम उन्हें दे दें, जिससे कि वह ड्यूटी करने वाले होमगार्ड को दी जा सके। इस रकम को वह अपने पास रख लेते थे।

मुख्यालय में शिकायत होने पर होमगार्ड कंपनी कमांडर सत्यवीर सिंह व प्लाटून कमांडर देवेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की गई। जिसमें दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। दोनों को विभाग से पहले की बर्खास्त किया जा चुका है।

संतोष कुमार, कमांडेंट होमगार्ड

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