पानी मांग रहे सामुदायिक शौचालय

अकोला के गांव जिटौरा कागारौल के गांव बैमन और जगनेर स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय परिसर में सामुदायिक शौचालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला सरकार की स्वछ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्ति अभियान को लग रहा झटका

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 10:34 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 10:34 PM (IST)
पानी मांग रहे सामुदायिक शौचालय
पानी मांग रहे सामुदायिक शौचालय

बदहाल व्यवस्था

केस एक: अकोला के गांव जिटौरा में बने सामुदायिक शौचालय का निर्माण लगभग तीन साल पहले हुआ था। शौचालय पर ताला लटका रहता है। यहां कोई सफाईकर्मी नहीं आता। पानी की टंकी है, लेकिन उसमें आज तक एक बार भी पानी नहीं भरा गया। शौचालय में टाइल्स लगाई ही नहीं गईं। शौचालय के चारों ओर घास उग आई है।

केस दो: कागारौल के गांव बैमन में लगभग पांच महीने पहले ही सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है। लगभग 10 लाख रुपये की लागत से बने इस शौचालय पर ताला लटका रहता है। इसमें बिजली की व्यवस्था तक नहीं है। इसकी वजह से रात के समय यहां अंधेरा रहता है। क्षेत्रीय लोग इस शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे।

केस तीन: जगनेर स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय परिसर में सामुदायिक शौचालय बना हुआ है। इस पर हमेशा ताला लटका रहता है। विद्यालय परिसर में होने के कारण लोग भी यहां तक नहीं पहुंच पाते। विद्यालय के अंदर बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी सख्ती रहती है। इसके चलते यह सामुदायिक शौचालय शोपीस बना हुआ है।

आगरा, जागरण सवंाददाता। अकोला, जगनेर और कागारौल क्षेत्र के सामुदायिक शौचालय शोपीस बने हुए हैं। यहां के अधिकांश शौचालयों पर ताला लटका रहता है। इसके साथ ही किसी में पानी की व्यवस्था नहीं है तो किसी में बिजली का ही कनेक्शन नहीं है। ऐसे में क्षेत्रीय लोग इन शौचालयों का उपयोग ही नहीं कर पा रहे।

शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने इन क्षेत्रों के सामुदायिक शौचालयों की पड़ताल की। अधिकांश शौचालयों में व्यवस्थाएं बदहाल मिलीं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्ति के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। घर-घर शौचालय निर्माण के साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में भी सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। जिससे कि शौच के लिए खुले में न जाना पड़े। मगर, उदासीनता के चलते सामुदायिक शौचालयों का उपयोग नहीं हो पा रहा। शौचालय की टंकी में पानी ही नहीं रहता। वैसे भी शौचालय के मुख्य गेट पर अधिकांश समय ताला ही लटका रहता है। इसका उपयोग ही नहीं हो पा रहा।

हरिओम लवानिया, निवासी, जिटौरा लाखों रुपये कीमत से बना सामुदायिक शौचालय शोपीस बना हुआ है। यहां बिजली तक की व्यवस्था नहीं है। इस पर ताला लटका रहता है।

सत्यवीर चाहर, निवासी, बैमन विद्यालय परिसर में सामुदायिक शौचालय बना दिया है। ऐसे में इसका उपयोग नहीं हो पा रहा। यहां हर समय ताला लटका रहता है।

जगदीश प्रसाद शर्मा, निवासी, जगनेर

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