Night Blindness: रतौंधी से लड़ने के लिए बच्‍चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए की खुराक

Night Blindness वीएचएनडी व यूएचएनडी दिवस पर एएनएएम देंगी नौ से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक। विटामिन-ए रतौंधी से बचाकर शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिये ताकत देता

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:39 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 08:39 PM (IST)
Night Blindness: रतौंधी से लड़ने के लिए बच्‍चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए की खुराक
Night Blindness: रतौंधी से लड़ने के लिए बच्‍चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए की खुराक

आगरा, जागरण संवाददाता। बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग बाल स्वास्थ्य पोषण माह का आयोजन कर रहा है। गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने विटामिन-ए की पहली खुराक बच्चे को पिलाई और बाल स्वास्थ्य पोषण माह का उदघाटन किया। अभियान के तहत नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी किया जाएगा।

यूएचएनडी दिवस पर पिलाई जाएगी विटामिन-ए की दवा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि बाल सुरक्षा पोषण माह में नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों का भी चिन्हांकन किया जाएगा और उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा। बाल सुरक्षा पोषण माह में इस बार कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बुधवार और शनिवार को लगने वाले वीएचएनडी (ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस) और यूएचएनडी (शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस) पर ही बच्चों को एएनएम द्वारा विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी।

जीवनी मंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि बच्चों बाल स्वास्थ्य पोषण माह में विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी। जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है एवं आयोडीन युक्त नमक के सेवन व स्तनपान के बारे में भी बताया कुपोषित बच्चों की पहचान कर संदर्भित किया जायेंगा। इसके साथ ही बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा भी पिलाई जाएगी। जिला स्वास्थ्य चिकित्सा सूचना अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बाल सुरक्षा पोषण माह के सफल क्रियान्वयन के लिये सुनिश्चित किया जाएगा कि एएनएम के पास बैनर इत्यादि के साथ विटामिन-ए की पर्याप्त दवा और लॉजिस्टिक उपलब्ध हों। बाल स्वास्थ्य पोषण माह का उद्देश्य नौ माह से पांच वर्ष की आयु के बच्चों में रोगों में कमी लाना है।

डीआईओ डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करना। पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु दर में कमी लाना, रतौधी से बचाव, कुपोषण से बचाव और उपचार, नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चों के साथ आंशिक ड्रापआउट का प्रतिरक्षण, आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग से बच्चों में शारीरिक एवं विकृतियों की कमी। बच्चों के वजन और चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों के संदर्भ में छह महीने तक स्तनपान और छह महीने बाद पूरक आहार को बढ़ावा देना। आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग के लिए समुदाय को जागरूक करना इस अभियान का उद्देश्य है। 

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