School in Agra: अब आगरा मे परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी

School in Agra महानिदेशक स्कूल शिक्षा जारी कर रहे हैं विद्यार्थियों के लर्निंग वीडियो। छोटे-छोटे शब्दों को समझकर वाक्य बनाने के लिए विद्यार्थियों को किया जा रहा है प्रेरित। मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला का चौथा चरण उनके नेतृत्व में शुरू हो गया है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 01:29 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 01:29 PM (IST)
School in Agra: अब आगरा मे परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी
मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला का चौथा चरण उनके नेतृत्व में शुरू हो गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी भी कान्वेंट और पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थियों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलें, इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है। ई-पाठशाला के अंतर्गत कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए रोजाना एक वीडियो विद्यालय जारी करेगा, जिसमें वस्तु, व्यक्ति व स्थान के नाम अंग्रेजी में बताए जाएंगे। छोटे छोटे शब्दों को मिलाकर पूरा वाक्य बनाने का तरीका भी उन्हें समझाया जाता है।

इस कवायद में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद लगातार जुटे हैं। मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला का चौथा चरण उनके नेतृत्व में शुरू हो गया है। इसमें आओ अंग्रेजी सीखें कार्यक्रम दोबारा शुरू किया गया है। इसमें महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से अंग्रेजी सिखाने संबंधी वीडियो जारी किए गए हैं, जिन्हें सभी विद्यालयों के जरिए विद्यार्थियों तक पहुंचाना है। इसे सफल बनाने के लिए प्रत्येक विद्यालय के शिक्षक भी प्रयास में जुटे हैं और विद्यार्थियों द्वारा कोई प्रश्न पूछे जाने पर वह उसका जवाब अंग्रेजी में देना सिखा रहे हैं। शिक्षकों के इस प्रयास को विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी बेहद पसंद कर रहे हैं क्योंकि उनके बच्चे भी इसके माध्यम से अंग्रेजी सीख रहे हैं।

यह है प्रयास

इस पूरी कवायद में कोशिश यह है कि विद्यार्थी धीरे-धीरे चीजों को पहले समझें और फिर खुद से शब्दों को मिलाकर वाक्य बनाएं। अंग्रेजी में अपनी बात रखने की कोशिश करें। अपना अंग्रेजी का शब्दकोश बढ़ाएं। इससे यकीनन विद्यार्थियों में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वह कावेंट या पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों से खुद को कमतर महसूस नहीं करेंगे। हालांकि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने के निर्देश है, लेकिन अन्य भाषाओं का ज्ञान भी उन्हें हो, इसलिए परिषदीय विद्यालयों में भी इस तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। 

chat bot
आपका साथी