Talent in Slums: उपेक्षा की जमीं पर बहाया मेहनत का पसीना, डांस से लेकर एथलेटिक्स में पाया 'सोना'
आगरा की झुग्गियों से निकले बच्चे बन गए सुपर स्टार। गेम्स के साथ डांस एक्टिंग माडलिंग में आजमा रहे हाथ। राज्य स्तरीय स्कूल ओलंपिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता इन बच्चों ने चार गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीते हैं। जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में भी छाए।
आगरा, संदीप शर्मा। प्रतिभा, सुविधाओं और बेहतर परवरिश की मोहताज नहीं, यह अपने हुनर को खुद तलाश लेती हैं। पचकुइयां स्थित शिक्षा विभाग के पीछे बनी झुग्गी-झोंपड़ी के बच्चों को ही ले लीजिए। कभी भीख मांगकर गुजर-बसर करने वाले यह बच्चे आज अपनी झुग्गी-झोंपड़ी के सुपर स्टार हैं, इनसे ही उस जगह को पहचान मिली है। वह एथलेटिक्स से लेकर डांस, थियेटर आदि में अपना हुनर दिखाकर सबकी वाहवाही बटोर रहे हैं।
इसकी शुरूआत हुई वर्ष 2015 में। बुलंदशहर में स्कूल ओलंपिक होने जा रहा था। झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले इन बच्चों को डायट परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में नया-नया प्रवेश मिला था, पहली बार स्कूल जाने पर वह बेहद उत्साहित थे, खूब पढ़ते भी थे। उन्हें एथलेटिक्स में जाने की राह दिखाई समाजसेवी नरेश पारस ने, ताकी वह खेलों के जरिए अपना मुकाम पा लें। इसलिए उन्होंने खाली मैदान में इन पर मेहनत की और पहुंच गए स्कूल ओलंपिक की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में। वहां एथलेटिक्स प्रतियोगिता इन बच्चों ने चार गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीते। इसके बाद कभी पलटकर नहीं देखा। फिर जिला स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में दो सिल्वर मेडल हों या 2018 में हुई खो-खो प्रतियोगिता में कांस्य पदक या फिर दिल्ली में बाल दिवस पर हुए बाल मेले का फैशन शो और डांस प्रतियोगिता। इन बच्चों ने तमाम प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपनी सफलता से सभी को चौंका दिया।
शेर अली खान है लीडर
16 वर्षीय शेर अली खान, वर्तमान में लोहामंडी स्थित रत्नमुनि इंटर कालेज में नौवीं के छात्र हैं और सभी बच्चों के लीडर भी। बुलंदशहर में हुई राज्य स्तरीय स्कूल ओलंपिक में उन्होंने एथलेटिक्स में दो गोल्ड प्राप्त किए। वर्ष 2018 में एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुई वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। शेर अली का नया शौक डांस है। वर्ष 2017 और 18 में उन्होंने दिल्ली में बाल दिवस मेले में डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर मेडल व ट्राफी जीती। वह ताज महोत्सव के मंच पर वर्ष 2014 से लगातार प्रस्तुति दे रहे हैं। वह अब अपनी छोटी बहन शादिया को भी डांस की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
खेलों से है प्यार
16 वर्षीय दानिश डायट परिसर स्थित परिषदीय विद्यालय में आठवीं कक्षा का विद्यार्थी है। दानिश ने उसी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सिल्वर दो मेडल जीते थे। इसके बाद वर्ष 2016 में हुई जिला स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।
एक्टिंग और माडलिंग में आजमाए हाथ
जबकि 15 वर्षीय करीना भी डायट परिसर स्थित परिषदीय विद्यालय में आठवीं में पढ़ती हैं। उन्होंने दिल्ली के बाल मेले में माडलिंग में हिस्सा लेकर रैंप पर कैट वाक की थी। इसके अलावा झुग्गी के यह बच्चे सूरसदन के मंच पर कई नाटकों में अभिनय कर चुके हैं। निर्देशक डिम्पी मिश्रा और अनिल जैन के साथ धनक के आयोजन समेत अब तक वह पांच नाटकों में अभिनय कर चुके हैं।
कोरोना काल में हो रही मुश्किल
नरेश पारस बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल इन बच्चों के लिए मुश्किल भरा साबित हुआ है। स्कूल बंद होने से इनकी तरक्की एकदम से रुक गई है, लेकिन यह सभी अपनी प्रतिभा लगातार चमका रहे हैं, ताकि मौका मिलने पर दोबारा उसका प्रदर्शन कर सकें।