बच्चों को हो रही घुटनों में दर्द की शिकायत, BMI भी मानक से अधिक, मां बाप की बढ़ रही चिंता

कोरोना संक्रमण काल में मोटे हुए बच्चे अभिभावक हो रहे परेशान। मोटापे से बच्चों में बढ़े रोग चिकित्सकों के पास पहुंच रहे फोन। आगरा में हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास पिछले छह महीने में 50 से ज्यादा ऐसे अभिभावक आए हैं जिनके बच्चों के घुटनों में दर्द की शिकायत थी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:46 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:46 AM (IST)
बच्चों को हो रही घुटनों में दर्द की शिकायत, BMI भी मानक से अधिक, मां बाप की बढ़ रही चिंता
कोरोना वायरस संक्रमण काल और आनलाइन पढ़ाई के चलते बच्‍चों में बीएमआइ बढ़ रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। पिछले डेढ़ साल से आनलाइन क्लास ले रहे बच्चे जब स्कूल पहुंचे तो उनके शिक्षक उन्हें देखकर हैरान रह गए। ज्यादातर बच्चों का वजन बढ़ा हुआ था। कोरोना काल में घर में बंद बच्चे के शारीरिक गतिविधियां बंद हुईं तो वजन बढ़ गया। सारे कपड़े टाइट हो गए। यही नहीं, निर्धारित बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्‍स) मानक से ज्यादा यानी 25 बीएमआइ से ज्यादा हो रहा है। बढ़ते मोटापे के कारण बच्चों को कई तरह के रोग भी घेर रहे हैं। चिकित्सकों के पास हर रोज 10 से 15 फोन अभिभावकों के पहुंच रहे हैं, जो अपने बच्चों के मोटापे से परेशान हैं।

क्यों हो गए मोटे

बच्चे घरों में बंद रहे। न तो पार्क में खेलने ही गए और न ही दोस्तों के साथ ही मस्ती की। पूरा दिन वीडियो गेम, मोबाइल देखना और टीवी देखने के दौरान खाने की आदत ने बच्चों का वजन बढ़ा दिया। मांओं ने कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के चक्कर में जरूरत से ज्यादा खिलाया।

बीएमआइ का रखें ध्यान

हाइट से वजन का संबंध होता है। बच्चों का बाॅडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) चार्ट देखकर तय किया जाता है। बच्चों का बीएमआइ 25 से कम होना चाहिए। यदि 30 से ऊपर मोटापे की श्रेणी में आता है और यदि 25 से 30 के बीच में हो तो ओवरवेट कहलाता है। बीएमआइ मापने के लिए लंबाई का भाग वजन से दिया जाता है।

मोटापे से बच्चों में बढ़ रहे यह रोग

बाल रोग विशेषज्ञ डा. अरूण जैन बताते हैं कि बच्चों में मोटापे के कारण बीपी, शुगर, सांस, अस्थमा, ह्रदय रोग जैसे गंभीर रोग बढ़ रहे हैं। एक दिन में 10 से 15 ऐसे फोन आते हैं, जिसमें अभिभावक अपने बच्चों के मोटापे को लेकर परेशान हैं और सलाह मांगते हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. एके गुप्ता ने बताया कि पिछले छह महीने में 50 से ज्यादा ऐसे अभिभावक आए हैं, जिनके बच्चों के घुटनों में दर्द की शिकायत थी। इन बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच है। वजन ज्यादा होने से हड्डियों पर असर हो रहा है।

डाइट बदलने की दे रहे सलाह

चिकित्सक अभिभावकों को बच्चों की डाइट बदलने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि कोरोना काल में मांओं ने घर पर ही बच्चों को पिज्जा, पास्ता, चाउमिन आदि बनाकर खिलाई।डाइटीशियन शिल्पा अग्रवाल बताती हैं कि अब माएं उनसे बच्चों के लिए डाइट चार्ट बनाने के टिप्स मांग रही हैं। शिल्पा कहती हैं कि बच्चों को घर पर स्प्राउट चाट, उत्पम, सूजी व दही से बने अन्य पकवान, स्टीम्ड फूड आदि खिलाएं।

धीरे-धीरे कराएं शारीरिक गतिविधि

सेंट कानरेड्स इंटर कालेज में खेलकूद शिक्षक हरेंद्र शर्मा कहते हैं कि कोरोना काल के बाद बच्चे मोटे हो गए हैं। हम भी अब बच्चों को धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधियों से फिट करेंगे। अभिभावकों को सलाह दे रहे हैं कि बच्चों से साइकिल चलाएं, रस्सी कुदवाएं, सुबह व रात में टहलने की आदत डालें।

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