जिम्मेदारों की जरा सी लापरवाही, नतीजा बुझ गया एक घर का चिराग
तीन दिन से था आठ माह का मासूम हॉस्पीटल में भर्ती। बुलाने पर भी नहीं आया डॉक्टर। कंपाउंडर ने लगाया इंजेक्शन और हो गई बच्चे की मौत।
आगरा: वो इतना भी बीमार नहीं था कि मौत के झपट्टे में वो आ जाए। हां बीमार था लेकिन दिन रात एक कर उसके परिजन उसका इलाज कराने में जुटे थे। लेकिन परिजनों को भी क्या मालूम था कि उसका इलाज ही उसकी जान ले लेगा। फीरोजाबाद के अस्पताल में भर्ती मासूम की इलाज के दौरान जब मौत हो गई तो परिजन चीख चीख कर हॉस्पीटल स्टाफ को कोसने लगे।
मामले के अनुसार फीरोजाबाद के हाइवे स्थित यूनिटी हॉस्पीटल में गलत इलाज के चलते आठ माह के मासूम की मौत हो गई। बालक तीन दिन से यहां भर्ती था और परिजनों का कहना है कि बच्चे की हालत में रात से काफी सुधार हुआ था। सोमवार सुबह तेज बुखार आने के बाद उसकी हालत बिगडऩे लगी। डॉक्टर को बुलाया गया लेकिन वो नहीं आए। दो कंपाउडरों ने इलाज के नाम पर दो बार इंजेक्शन लगाए, जिसके थोड़ी देर बाद ही बच्चे की हालत और बिगड़ गई। बाद में उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजनों ने हॉस्पीटल में जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर थाना दक्षिण की पुलिस मौके पर आ गई। पुलिस के आते ही परिजन डॉक्टर और हॉस्पीटल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने लगे। जिस पर पुलिस ने समझौते के लिए दोनों पक्षों की बात करवाई। खबर लिखे जाने तक दोनों पक्षों में समझौते का प्रयास चल रहा था।
दरअसल निमोनिया से पीडि़त आठ माह के अवाम को उसके पिता फहीम निवासी मोमिन नगर रामगढ़ ने तीन दिन पहले यूनिटी हॉस्पीटल में भर्ती कराया था। इलाज के बाद से उसकी हालत में काफी सुधार हुआ था। रविवार रात तक भी उसकी स्थिति काफी बेहतर थी लेकिन सोमवार सुबह उसे बुखार आ गया था।