Child Adoption: देवकी− यशोदा लगा रहीं गुहार, दो मांएं फिर भी बाल गृह में बाल गोपाल

Child Adoption दो मांओं की दावेदारी के बीच चार साल का मासूम बेटा दस महीने से बाल गृह में रहने को मजबूर है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 12:31 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 12:31 PM (IST)
Child Adoption: देवकी− यशोदा लगा रहीं गुहार, दो मांएं फिर भी बाल गृह में बाल गोपाल
Child Adoption: देवकी− यशोदा लगा रहीं गुहार, दो मांएं फिर भी बाल गृह में बाल गोपाल

आगरा, जागरण संवाददाता। बबली की आंख में आंसू भर आते हैं, जब कोई बच्चा रोता है। मासूम से मिलकर आने वाले हर शख्स से उसका एक ही सवाल होता है कि क्या बेटे को उसकी याद आती है। एक ओर कोख में नौ महीने रखकर जन्म देने वाली मां है तो दूसरी ओर एक महीने की उम्र में गोद लेकर चार साल तक पालने वाली मां। दो मांओं की दावेदारी के बीच चार साल का मासूम बेटा दस महीने से बाल गृह में रहने को मजबूर है। 

जगदीशपुरा क्षेत्र निवासी बबली ने मंगलवार को चाइल्ड लाइन गोद लिए बच्चे को पाने के लिए गुहार लगाई । चाइल्ड लाइन समन्वयक रितु वर्मा ने बताया कि बबली का कहना है कि वह चार साल पहले शहीद नगर में रहती थी। पड़ोस में रहने वाली महिला के तीन बेटे पहले से थे। महिला ने गर्भवती होने पर उससे कहा कि वह बच्चे का पालन-पोषण करने में असमर्थ है। इसलिए यह बच्चा उसे गोद दे देगी। बबली के अनुसार उसके कोई बच्चा नहीं था। उसने महिला की डिलीवरी आदि का पूरा खर्च उठाया। महिला ने बेटे को उसे गोद दे दिया, इसके दो साल बाद वह जगदीशपुरा में आकर रहने लगी।

मासूम चार साल का हो गया है, वह उसे ही मां मानता है। दस महीने पहले महिला ने उससे अपना बच्चा वापस मांगा। उसकी पुलिस से शिकायत कर दी । पुलिस ने बच्चे को शिशु गृह भेज दिया । बबली का कहना है कि बच्चे को गोद लेने के सारे सबूत उसके पास हैं। इसके बाद भी उसे बेटा नहीं दिया जा रहा है। चाइल्ड लाइन समन्वयक रितु वर्मा ने बताया कि महिला ने मदद मांगी है। बच्चा इस समय शिशु गृह में है। उसे जन्म देने वाली मां को बुलाकर भी बातचीत की जाएगी।  

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