धर्मानुकूल है दान करना
चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य आदित्य सागर ने दिए प्रवचन
आगरा, जागरण संवाददाता। धार्मिक कार्यक्रम, मंदिर निर्माण, गरीब और असहाय को दिए गए दान का प्रतिफल सदैव अच्छा होता है। दान करना धर्मानुकूल है। चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, गंगेगौरी बाग, बल्केश्वर में मंगलवार को आचार्य आदित्य सागर महाराज ने यह प्रवचन दिए। उन्होंने जिनभक्तों से धर्म की राह पर चलने का आह्वान किया।
आचार्य के सानिध्य में हुए कार्यक्रम में मंगलवार को भगवान चंद्रप्रभु देहरा तिजारा में प्रकट हुए। भगवान चंद्रप्रभु की प्रतिमा का अभिषेक व शांतिधारा की गई। श्रावकों ने भगवान चंद्रप्रभु को निर्वाण लाड़ू चढ़ाया। पूजन व विधान पं. रविद्र जैन ने कराया। भगवान चंद्रप्रभु की मंगल आरती भक्तों ने की। आचार्य ने कहा कि चंद्रप्रभु भगवान की यह मूर्ति सैकड़ों वर्ष प्राचीन और अतिशयकारी है। इसके चरण स्पर्श करने मात्र से अनेक रोग, दु:ख दूर हो जाते हैं। इस मौके पर प्रवीन जैन, सचिन जैन, रजत जैन, उमेश जैन, मनोज जैन, नीरज जैन, अनमोल जैन, नितिन जैन, अंकेश जैन, मीना जैन, पूजा जैन आदि मौजूद रहीं। (वि.) मरण शरीर का होता है, आत्मा का नहीं
आगरा: निर्मल सदन, छीपीटोला में मंगलवार को धर्मसभा में मुनि वीर सागर ने कहा कि जिदगी एक रंगमंच है, जिसमें सब अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसमें कोई काला है, कोई गोरा है, कोई स्त्री है, कोई पुरुष है, कोई मनुष्य है, कोई शत्रु है, कोई मित्र है पर आत्मा सबकी एक समान है। जब आत्मा में अंतर है ही नहीं तो उसके मन में राग पैदा होगा ही नहीं। मरण शरीर का होता है, आत्मा का नहीं। उन्होंने कहा कि हमारा जो रूप है, वह शरीर का है, आत्मा का नहीं। आत्मा कभी पैदा नहीं होती, न ही मरती है। (वि.) मरता नहीं, सदा अमर रहता है भक्त
आगरा: महावीर भवन, न्यू राजा की मंडी कालोनी में मंगलवार को धर्मसभा में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने भक्तामर स्त्रोत का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान का भक्त कभी मरता नहीं है, वह सदा अमर रहता है। श्रीराम भक्त हनुमान आज भी लोगों के हृदय में जीवित हैं। भक्त यदि अपने नियम और मर्यादाओं से युक्त जीवन व्यतीत करें तो अमरता की प्राप्ति हो जाएगी। पूर्ण मनोयोग से जब भक्त का सिर भगवान के चरणों में झुक जाता है तो ज्ञान के सारे मार्ग खुल जाते हैं, सारी कठिनाइयां स्वत: दूर हो जाती हैं। इस दौरान अशोक जैन, प्रमोद जैन, सतीश नाहर, कमला जैन, सुभाष जैन, वैभव जैन, सीमा जैन, प्रमिला मेहता, सुनीता जैन आदि मौजूद रहीं। (वि.)