वृंदावन पहुंचीं महाप्रभु की चरण पादुका, गूंज रहा बांके की नगरी में हरिनाम संकीर्तन Agra News

सोमवार शाम चंद्रोदय मंदिर पहुंचींं चैतन्य महाप्रभु की चरण पादुका। ढोल की ध्वनि के बीच की गई पुष्प वर्षा और मंत्रोच्‍चारण के बीच महाभिषेक।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 10:00 PM (IST)
वृंदावन पहुंचीं महाप्रभु की चरण पादुका, गूंज रहा बांके की नगरी में हरिनाम संकीर्तन Agra News
वृंदावन पहुंचीं महाप्रभु की चरण पादुका, गूंज रहा बांके की नगरी में हरिनाम संकीर्तन Agra News

अागरा, जेएनएन। भक्ति आंदोलन के अगुवा व वृंदावन का पुन: प्रकाश करने वाले चैतन्य महाप्रभु की चरण पादुका एक बार फिर सोमवार को वृंदावन की धरती पर पहुंचीं तो भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन के साथ जोशीला स्वागत किया। चंद्रोदय मंदिर के प्रवेश द्वार पर पादुकाओं के पहुंचते ही ढोल की ध्‍वनि गूंजने लगी और पुष्‍प वर्षा होती रही। चंद्रोदय मंदिर में चरण पादुका को पालकी में विराजमान कराया गया। बताया जाता है कि चैतन्य महाप्रभु वृंदावन 504 वर्ष पहले वृंदावन आए थे। अब बांकेबिहारी की नगरी में उनकी पादुकाएं पहुंची हैं।

वृंदावन में छटीकरा मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर में चैतन्य महाप्रभु की दिव्य चरण पादुका सोमवार शाम साढ़े पांच बजे पहुंचीं। राॅॅल्स रॉयस कार में पहुंचींं महाप्रभु की चरण पादुका का स्वागत संस्था प्रमुख मधु पंडित दास ने माल्यार्पण करके किया। गौड़ीया वैष्णव संतों ने हरिनाम संकीर्तन कर महाप्रभु की चरण पादुका को पालकी में विराजित कराया। यहां आरती के साथ शुरू हुई यात्रा के बाद पादुका को मंदिर परिसर स्थित विशेष स्‍थान में स्थापित कर दिया। चरण पादुका का वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पंचगव्य व पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, मिश्री) से महाभिषेक किया। अनुयायियों ने दामोदराष्टकम् का गायन कर चैतन्य महाप्रभु के विग्रह के समक्ष दीपदान किया।

संस्था प्रमुख मधु पंडित दास ने कहा कि यह दिव्य पादुका पश्चिम बंगाल के नवद्वीप के धामेश्वर मंदिर में निवास करती हैं। ये चैतन्य महाप्रभु की मूल पादुका हैं। कहा कि चैतन्य महाप्रभु ने संन्यास लेने से पूर्व अपनी पत्नी विष्णुप्रिया देवी को ये पादुकाएं भेंट की थीं। जिनकी आजीवन सेवा विष्णुप्रिया देवी ने की। धामेश्वर महाप्रभु मंदिर में इन पादुकाओं का प्रतिदिन पूजन होता है।

चंद्रोदय मंदिर में स्थापित हुई महाप्रभु के पादुकाओं का पूजन, गौरांग के भक्त सर्वभूमा भट्टाचार्य द्वारा लिखी नामावली के 108 नामों का उच्चारण कर चरण कमलों में स्वर्ण पुष्प, कनक पुष्प अर्पित करके किया। कनक अर्चना सेवा से पूर्व भक्तों ने संकल्प मंत्रों और स्‍त्रोत मंत्रों का उच्चारण किया। उसके बाद चैतन्य के 108 नामों का जाप करते हुए दिव्य पादुका पर पुष्प अर्पित किए। वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास, महंत फूलडोल बिहारी दास, सनातन किशोर गोस्वामी, महेशानंद सरस्वती, गोविंदानाथ तीर्थ, आदित्यानंद, पद्मनाभ गोस्वामी, महंत हरिबोल बाबा, महामंडलेश्वर नवल गिरी समेत कई भक्त मौजूद रहे।

मंगलवार को नगर में निकलेगी रथयात्रा

चैतन्य महाप्रभु के चरणपादुकोत्सव में मंगलवार को सुबह 11 बजे वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में चरण-पादुका का पुष्पाभिषेक होगा। इसके बाद शाम 4.30 बजे स्वर्ण रथयात्रा शुरू होगी। जो सप्तदेवालयों में प्रमुख राधादामोदर मंदिर पहुंचेगी।

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