Community Toilets: आगरा में सामुदायिक शौचालयों पर अव्यवस्थाओं का ताला, जब से बने, तब से खुले ही नहीं
690 ग्राम पंचायतें हैं आगरा जिले में। 682 ग्राम पंचायतों में बनाए जा चुके हैं सामुदायिक शौचालय। 08 ग्राम पंचायतों में अभी तक नहीं मिल पाया स्थान। जहां खोले गए सामुदायिक शौचालय उनमें से अधिकांश जगहों पर नहीं हो रहा है इनका इस्तेमाल।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्ति के लिए पिछले सात साल से बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। घर-घर शौचालय निर्माण के साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में भी सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। जिससे कि शौच के लिए खुले में न जाना पड़े। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च भी किए गए लेकिन सरकार की यह योजना ताले में कैद है। पेंटिंग के माध्यम इनकी दीवारें तो खूब चमकाई गईं लेकिन इनकी देखरेख पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से किसी शौचालय की पानी की पाइप लाइन टूट गई है तो किसी में सीट ही नहीं है। पानी की व्यवस्था तो अधिकांश शौचालय में नहीं है। क्षेत्रीय लोगों को पता ही नहीं है कि इन शौचालयों की चाबी किसके पास है। ऐसे में इनका उपयोग नहीं हो पा रहा। सामुदायिक शौचालयाें के निर्माण के दौरान इनकी वाल पेंटिंग पर पूरा जोर दिया गया। आकर्षक पेंटिंग बनाई गईं लेकिन इनके रखरखाव पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
केस एक
खेरागढ़ ब्लाक अंतर्गत ऊंटगिर ग्राम पंचायत बना सामुदायिक शौचालय वर्ष वर्ष 2020 में सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हुआ है। तब से ये बंद ही है। इस पर ताला लटका रहता है। इस शौचालय में पानी तक की व्यवस्था नहीं है
केस दो
खेरागढ़ तहसील मुख्यालय परिसर में वर्ष 2019 में सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हुआ। इस पर ताला लटका रहता है। यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं है। इस शौचालय की देखरेख के लिए भी कोई नहीं रहता।
केस तीन
पिनाहट ब्लाक की ग्राम पंचायत कांकरखेड़ा के पुरा टीकमसिंह में बने सामुदायिक शौचालय पर ताला लटका रहता है। यहां पानी का तो अभाव है ही, साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। दीवारों की रंगाई-पुताई तक ठीक से नहीं हुई।
केस चार
अछनेरा ब्लाक के गांव अरदाया में बने सामुदायिक शौचालय में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। पानी की व्यवस्था न होने के कारण ये बंद रहता है। अब तक क्षेत्र के लोग इस शौचालय का उपयोग नहीं कर पाए हैं।
रखरखाव पर प्रतिमाह होने वाला खर्च
6000 रुपये सफाई कर्मचारी का मानदेय
500 रुपये बिजली खर्च व मरम्मत के लिए
200 रुपये झाड़ू, बाल्टी मग आदि के लिए
1000 रुपये साबुन, वाशिंग पाउडर आदि के लिए
1000 रुपये कचरा निस्तारण के लिए
300 रुपये अतिरिक्त खर्च के लिए