Family Planning: लॉकडाउन में हुईं दनादन डिलीवरी, अब बदल रही लोगों की सोच, अपना रहे परिवार नियोजन के नुस्‍खे

पिछले साल आगरा के लेडी लायल अस्पताल में हुई रिकार्ड डिलीवरी इस साल संख्या हुई कम। चिकित्सकों से ले रहे परिवार नियोजन के विकल्पों की जानकारी गर्भपात का फीसद भी बढ़ा। बहुत से दंपती सीधे मेडिकल स्‍टोर से ले रहे गर्भपात की दवाइयां।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 08:27 AM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 08:27 AM (IST)
Family Planning: लॉकडाउन में हुईं दनादन डिलीवरी, अब बदल रही लोगों की सोच, अपना रहे परिवार नियोजन के नुस्‍खे
महिलाएं जागरूक हो रही हैं और परिवार नियोजन के विकल्पों के बारे में जानकारी ले रही हैं।

आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जनसंख्या वृद्धि हुई। लेकिन अब दंपती बच्चे नहीं चाहते हैं। जिन्होंने गर्भधारण कर लिया है, वे गर्भपात करा रहे हैं। तमाम लोग मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर खा रहे हैं। इसके साथ ही गर्भधारण न हो, इसके लिए परिवार नियोजन के विकल्पों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

पिछले साल लाॅकडाउन में लोग घर पर रहे। ऐसे में गर्भधारण के केस बढ़ गए। पिछले साल सात महीने में ही लेडी लायल अस्पताल में आठ हजार डिलीवरी हुई थीं। अगर पिछले साल लगे लाॅकडाउन की बात करें तो 21 मार्च से लेकर 20 जुलाई तक 3300 से ज्यादा बच्चों की डिलीवरी लेडी लायल अस्पताल में हुई थी। इस साल मार्च से जून अंत तक लगभग 2365 डिलीवरी हो चुकी है। अस्पताल की एसआइसी डा. रेखा गुप्ता बताती हैं कि महिलाएं जागरूक हो रही हैं और परिवार नियोजन के विकल्पों के बारे में जानकारी लेती हैं।

सरकार ने की कैफेटेरिया अप्रोच

फोग्सी के पूर्व अध्यक्ष डा. नरेंद्र मल्होत्रा बताते हैं कि पिछले दो सालों में परिवार नियोजन के विकल्पों को लेकर लोग जागरूक हुए हैं। अब नसबंदी या कापर टी के अलावा अन्य विकल्पों की भी जानकारी लेते हैं। सरकार ने भी परिवार नियोजन के विकल्पों को लेकर कैफेटेरिया अप्रोच की बात कही है, जैसे कैफेटेरिया में जाकर लोग अपनी पसंद की चीज आर्डर करते हैं, उसी तरह अस्पतालों में चिकित्सकों से परिवार नियोजन के विकल्पों की जानकारी लेते हैं।

गर्भपात में हुई वृद्धि

कोरोना की दूसरी लहर के बाद गर्भपात कराने वाली महिलाओं की संख्या में 10 से 15 फीसद की वृद्धि हुई है। डा. शिवानी चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना काल में नौकरियों और जिंदगी को लेकर बढ़ी अनिश्चितता में लोग बच्चे का भविष्य खराब नहीं करना चाहते हैं। इसलिए एक बच्चे तक ही लोग अपने परिवार को पूरा समझ रहे हैं।

जानकारी लेने वालों की संख्‍या बढ़ी

आगरा में परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. रचना गुप्‍ता का कहना है कि कोरोना काल में नसबंदी सेवा बंद है, लेकिन ओपीडी खुलने के बाद परिवार नियोजन के विकल्पों का इस्तेमाल बढा है, जानकारी लेने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लोग जागरूक हुए हैं।

यूपी सरकार भी ले आई कानून

उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी जनसंख्‍या नियंत्रण को लेकर कानून लेकर आ गए हैं। ज्‍यादा बच्‍चे वाले परिवार के सदस्‍यों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। मुख्‍यमंत्री का स्‍पष्‍ट कहना है कि सामुदायिक संतुलन बनाए रखने के लिए जन्‍म दर को कम करना होगा।

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