कैशलेन पर वाहनों का भार, नहीं हो रहा सुधार

सप्ताहभर से फास्टैग है अनिवार्य वाहन स्वामी नहीं हो रहे जागरूक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:25 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:25 AM (IST)
कैशलेन पर वाहनों का भार, नहीं हो रहा सुधार
कैशलेन पर वाहनों का भार, नहीं हो रहा सुधार

आगरा,जागरण संवाददाता। फास्टैग अनिवार्य हुए सप्ताह भर बीत गया है, लेकिन कैशलेन से भार नहीं घट रहा है। टोल के निकट फास्टैग बनाने के बूथ पर निजी बैंक प्रतिनिधियों के पास भीड़ कम ही जुट रही है। जानकारी लेने पहुंचने वालों में से 30 से 50 फीसद ही फास्टैग बनवा रहे हैं। अनिवार्यता के बाद जाजऊ टोल प्लाजा से कैशलेन से गुजरने वाले वाहन 10 फीसद से कम हैं, लेकिन कोरई टोल प्लाजा से 13 फीसद वाहन बिना फास्टैग के गुजरे।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को घटाने और टोल प्लाजा पर बर्बाद होने वाले समय को कम करने के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। इसके बाद भी ऐसे वाहनों का आंकड़ा कम नहीं है, जो बिना फास्टैग दौड़ लगा रहे हैं। कोरई टोल प्लाजा से 15 फरवरी की रात 12 बजे से 23 फरवरी दोपहर 12 बजे तक कुल 83975 वाहन गुजरे। इनमें 10722 वाहन कैशलेन के माध्यम से दोगुना टैक्स देकर गुजरे। वहीं, 3255 वाहन निश्शुल्क निकले। अनिवार्यता के बाद से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक जाजऊ टोल से कुल 124880 वाहन गुजरे, इनमें 105966 फास्टैग वाले थे। वहीं कैशलेन से 10972 वाहन दो गुना टैक्स देकर गुजरे और 7942 निश्शुल्क गुजरने वाले वाहन थे। यमुना एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग की अनिवार्यता नहीं है। यहां सभी वाहन कैशलेन से गुजर रहे हैं। मंगलवार को लखनऊ एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा से 25 फीसद वाहन बिना फास्टैग के गुजरे। एक्सप्रेस-वे पर कैशलेन से गुजरने वाले वाहनों से भी दोगुना टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा है। ऐसे बनवा सकते हैं फास्टैग

फास्टैग बनवाने की अलग-अलग प्रक्रिया हैं। इसको कुछ सरकारी एवं निजी बैंक से बनवाया जा सकता है। निजी बैंकों द्वारा अपने प्रतिनिधि टोल प्लाजा, कुछ पेट्रोल पंप पर तैनात कर प्रक्रिया को कराया जा रहा है। बनवाने का शुल्क तो लगभग 100 रुपये हैं, लेकिन विभिन्न बैंक, ई-वालेट की योजना अलग-अलग हैं। एक ई-वालेट 500 रुपये में फास्टैग बना रहा है। इसमें 150 रुपये बैलेंस मिलता है, जबकि 250 रुपये रिफंडेवल सिक्योरिटी जमा कर ली जाती है। बचे हुए 100 रुपये को फीस माना जा सकता है। कैशलेन से गुजरने वाले वाहनों का आंकड़ा 10 फीसद से अधिक ही है। फास्टैग बनवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

मनीष रंजन, प्रबंधक, कोरई टोल प्लाजा फास्टैग बनवाने के बाद फायदा समझ में आया। कैशलेन में बर्बाद होने वाले समय की बचत हो रही है।

राजेश सिंह, वाहन स्वामी, कोरई टोल प्लाजा फास्टैग बनवाने का समय नहीं मिला है। फायदा जानता हूं, जल्द बनवा लिया जाएगा।

विवेक, वाहन स्वामी, जाजऊ टोल प्लाजा

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