आगरा में दीवानी चौराहे पर जाम लगाने पर अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा, ट्रैफिक में फंस गई थी एंबुलेंस

वकीलों द्वारा 19 अक्टूबर की सुबह शाहजहांपुर के अधिवक्ता भूपेंद्र की हत्या के विरोध में रोष व्यक्त करते हुए दीवानी चौराहे पर जाम लगाया गया। इसमें फंस गई थी एंबुलेंस। दीवानी चौकी प्रभारी ने दर्ज कराया है मुकदमा। उत्तर बार कौंसिल के आह्वान पर वकीलों ने नहीं किया न्यायिक कार्य।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:03 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:03 AM (IST)
आगरा में दीवानी चौराहे पर जाम लगाने पर अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा, ट्रैफिक में फंस गई थी एंबुलेंस
आगरा में दीवानी परिसर के जाम लगाने वाले वकीलों के खिलाफ मुकदमा हुआ है।

आगरा, जागरण संवाददाता। शाहजहांपुर में वकील की हत्या के विरोध में दीवानी चौराहे पर मंगलवार को जाम लगा नारेबाजी करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ न्यू आगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर बुधवार को वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं पर मुकदमे का कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया है।

दीवानी चौकी प्रभारी अंकुज धामा की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस के अनुसार कुछ वकीलों द्वारा 19 अक्टूबर की सुबह शाहजहांपुर के अधिवक्ता भूपेंद्र की हत्या के विरोध में रोष व्यक्त करते हुए दीवानी चौराहे पर जाम लगाया गया। एएसपी द्वारा जाम में एंबुलेंस फंसने का हवाला देकर ज्ञापन देने का आग्रह किया। जिस पर वकीलों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर दी।

मुकदमे में पुलिस ने नामजद हेमंत भारद्वाज, संजय कप्तान, अशोक भारद्वाज, वीरेंद्र सिंह, दुर्ग विजय सिंह भैया, पवन गुप्ता के अलावा अज्ञात से 15 से 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वकीलों पर मुकदमा दर्ज करने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह आदि ने आक्रोश जताया है। वहीं, आगरा कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह रावत ने पुलिस-प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

इधर, उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर बुधवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। आगरा बार एसोसिएशन ने दीवानी परिसर स्थित पुस्तकालय भवन में बैठक की। जिसमें विभिन्न बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट अंजली कुमार सिंह को ज्ञापन दिया। जिसमें मारे गए अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह के स्वजन को 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की। इसके अलावा प्रदेश में जिन अधिवक्ताओं की हत्या की गई है, उनके स्वजन को भी मुआवजा देने की मांग की।

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