आगरा में शिव मंदिरों पर चला अभियान, 50 सांप पकड़कर छोड़े गए जंगल में

सावन के आखिरी सोमवार को अलग अलग मंदिरों के बाहर सपेरे लेकर खड़े थे सांपों को। वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस ने संयुक्त रूप से चलाया एंटी पोंचिंग अभियान। कोबरा के अलावा अन्य सांपों को जंगल में छोड़ा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 10:59 AM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 10:59 AM (IST)
आगरा में शिव मंदिरों पर चला अभियान, 50 सांप पकड़कर छोड़े गए जंगल में
वाइल्‍ड लाइफ एसओएस की टीम ने 50 सांपों को मुक्‍त कराया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। सावन को लेकर विशेष आस्‍था है और भगवान शिव की आराधना के तौर पर सांपों पर अत्‍याचार किया जा रहा था। मंदिरों के बाहर सपेरे, सांपों को कैद कर आस्‍था के नाम पैसा बटोरने में लगेे थे। वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस के एंटी पोंचिंग के संयुक्त अभियान में भगवान शिव के मंदिरों के बाहर से सपेरों से 50 सांप मुक्त कराए गए हैं। इनमें से दो सांपों के मुंह सिले हुए थे। कोबरा के अलावा सभी सांपों को जंगल में छोड़ दिया गया है।

वन विभाग और एसओएस की टीमों द्वारा सावन के हर सोमवार को मंदिरों के बाहर अभियान चलाया। विभिन्न मंदिरों से 26 सांप छुड़ाए गए। नाग पंचमी पर 24 सांप सपेरों से मुक्त कराए गए। मुक्त कराए गए सांपों में से 35 कोबरा हैं, सात रैट स्नेक, दो लायल स्नेक और छह सैंड बोआ हैं। जिन सांपों को सपेरों से मुक्त कराया गया, उनमें से दो रैट स्नेक सांपों के मुंह धागे से सिले हुए थे। एसओएस के अस्पताल में चिकित्सकों ने धागे काटकर सांपों का इलाज किया। अधिकतर सांप भूखे और प्यासे थे। एसएसओ के डा. इलियाराजा ने बताया कि कोबरा के अलावा अन्य सभी सांपों को प्राथमिक उपचार के बाद जंगल में छोड़ दिया गया है। सपेरों ने मुक्त कराए कोबरा सांपों के दांत तोड़ दिए हैं, जिससे वे कुछ खा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें जंगल में छोड़ना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। फिलहाल सभी कोबरा सांप चिकित्सीय निगरानी में हैं।

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