Business in Lockdown: सहेली के लिए लाॅॅकडाउन में बनाया था पहली बार केक, आज चला रहीं हैं अपनी बेकरी
संजय प्लेस निवासी छात्रा के बनाए केक का स्वाद लोगों को भाया। केक के ऊपर वो स्वयं डिजाइन करती हैं और इससे उन्हें बचपन के ड्राइंग के शौक को पूरा करने का मौका मिल रहा है। एक वर्ष में 700 से अधिक केक व आइसक्रीम के आर्डर उन्हें मिले हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में पिछले वर्ष हुए लाॅॅकडाउन में लोग घर तक सिमटकर रह गए थे। घर में रहते हुए बहुत से लोगों ने अपने हुनर और शौक से आपदा को अवसर में बदला। संजय प्लेस निवासी खुशी जैन भी उन्हीं में से एक हैं। लाॅॅकडाउन में उन्होंने अपनी सहेली के लिए केक बनाया था। लोगों को केक का स्वाद इतना भाया कि वो आज अपनी स्वयं की बेकरी चला रही हैं।
व्यवसायी पिता जितेंद्र जैन और एस्ट्रोलाजर मां शिल्पा जैन की बेटी खुशी को बचपन से ही ड्राइंग, पेंटिंग और डिजाइनिंग का शौक था। पिछले वर्ष लाॅकडाउन में घर के पास रहने वाली सहेली का जन्मदिन आया तो खुशी ने उसे उपहार में केक बनाकर दिया। सहेली और उसके परिवार ने केक की तारीफ की, लेकिन उन्होंने इसे मजाक समझा। जब अन्य लोगों ने भी केक की तारीफ की तो उन्होंने घर बैठे-बैठे बेकरी शुरू करने की सोची। 18 मई, 2020 को उन्होंने घर पर ही बेकरी की शुरुआत की। खुशी ने परिवार के सदस्यों, मित्रों और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार किया। धीरे-धीरे उन्हें आर्डर मिलने लगे। आज वो केक, आइसक्रीम, चाकलेट, ब्रेड, बिस्कुट बनाती हैं। यह पूरी तरह वेज होते हैं। केक के ऊपर वो स्वयं डिजाइन करती हैं और इससे उन्हें बचपन के ड्राइंग के शौक को पूरा करने का मौका मिल रहा है। उनके बनाए पिनाटा केक, पुल मी अप केक, फोटो केक, मूज केक काफी पसंद किए गए हैं। एक वर्ष में 700 से अधिक केक व आइसक्रीम के आर्डर उन्हें मिले हैं। खुशी ने बताया कि उनकी सफलता में उनके माता-पिता और दिल्ली निवासी बड़ी बहन दीक्षिता का बहुत बड़ा योगदान है। उनके सहयोग और प्राेत्साहन से ही वो बेकरी शुरू कर पाईं।
डीपीएस से की है पढ़ाई
खुशी ने पिछले वर्ष डीपीएस से 12वीं की परीक्षा 98.4 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। वर्तमान में वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकाॅॅम कर रही हैं। उनका लक्ष्य एमबीए करना है। कोरोना काल में वो अपनी कमाई से हर शनिवार को खाना बनाकर गरीबों को खिलाती हैं।